Ranchi: झारखंड मंत्रिमंडल ने सोमवार को लाख की खेती को कृषि का दर्जा देने का फैसला किया ताकि इसका उत्पादन बढ़ाया जा सके और किसानों के जीवन में सुधार हो सके. मंत्रिमंडल सचिव वंदना दादेल ने कहा कि इस कदम से लगभग चार लाख परिवारों, विशेषकर आदिवासियों को लाभ होगा जो लाख की खेती करते हैं. लाख उत्पादन में झारखंड देश का अग्रणी राज्य है. 


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रांची के निदेशक डॉ. अभिजीत कर ने कही ये बात


राष्ट्रीय माध्यमिक कृषि संस्थान, रांची के निदेशक डॉ. अभिजीत कर ने कहा, 'देश के कुल लाख उत्पादन में राज्य का योगदान लगभग 54 प्रतिशत है.' झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फरवरी 2021 में घोषणा की थी कि उनकी सरकार लाख की खेती को कृषि का दर्जा देगी और इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करेगी.  मंत्रिमंडल ने 20 एजेंडे को मंजूरी दी. इसने झारखंड राज्य चिकित्सा परिषद के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने को भी मंजूरी दी. दादेल ने कहा कि परिषद तो है लेकिन दिशा-निर्देश तैयार नहीं किए गए हैं.


20 एजेंडे को लगी मुहर


बता दें कि  रांची में प्रोजेक्ट भवन में हेमन्त कैबिनेट की मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में 20 20 प्रस्तावों पर मुहर लगी है. इस बैठक की अध्यक्षता CM हेमंत सोरेन ने की थी. इस मीटिंग बैठक में कई मंत्री मौजूद थे. झारखंड निजी सुरक्षा सेवा नियमावली 2023 के गठन को भी मीटिंग में स्वीकृति दी गई है. मीटिंग में लाख की खेती को कृषि का दर्जा मिला दिया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद 4 लाख किसानों को इसका फायदा मिलेगा.


(इनपुट भाषा के साथ)