रांची: झारखंड की राजधानी रांची से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां झारखंड भूमि घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रडार पर रहे जमीन कारोबारी कृष्णकांत सिन्हा ने गुरुवार को रांची के लालपुर इलाके में अपने आवास पर आत्महत्या कर ली. कृष्णकांत सिन्हा (56) का शव उनके कमरे में छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया. बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से संबंधित भूमि घोटाले के मामले में उन्हें संघीय जांच एजेंसी ने तलब किया था. मिली जानकारी के मुताबिक, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेताओं अंतु तिर्की, इरशाद अख्तर, विपिन सिंह और प्रियरंजन सहाय का सहयोगी मानते हुए उन्हें समन मिला था.


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मिली जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से समन मिलने के बाद कृष्णकांत सिन्हा काफी तनाव में रहने लगे थे. उनके रिश्तेदारों ने इस मामले में कहा कि वह एक व्यापारिक व्यवसाय में शामिल थे और उनका कथित भूमि घोटाले से कोई संबंध नहीं था. फंदे पर झूलने के बाद कृष्णकांत सिन्हा के परिवार के लोग आनन-फानन में उन्होंने आर्किड अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है.


पूरे मामले की जानकारी देते हुए परिजनों ने बताया कि गुरुवार की सुबह साढ़े नौ बजे तक सब कुछ ठीक था. कृष्णकांत इसके बाद अपने कमरे में चले गये. कुछ देर बाद परिजन जब उसे देखने गए तो उनके कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था. बार-बार बुलाने के बाद भी कमरे के अंदर से जब कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो परिजनों को इससे संदेह हुआ. बाद में खिड़की से उन्होंने देखा तो कृष्णकांत पंखे से लटका हुआ था. हालांकि कृष्णकांत के आत्महत्या के पीछे ईडी का नोटिस ही एकमात्र कारण है या नहीं, इस बारे में पुष्टि नहीं हो पाई है. पुलिस फिलहाल सभी एंगल से मामले की जांच कर रही है.


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