रांची : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गंगा नदी में प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में रिपोर्ट नहीं सौंपने को लेकर झारखंड पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. अधिकरण देश में गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण के विषयों को गंभीरता से लिया है. पिछले साल नवंबर में उसने पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्य सचिवों से गंगा में प्रदूषण पर विशिष्ट जानकारी मांगी थी.


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झारखंड में गंगा नदी साहिबगंज जिले में प्रवाहित होती है. झारखंड की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं मिलने का जिक्र करते हुए एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बार-बार मौका दिये जाने के बावजूद जिलाधिकारी (जो जिला गंगा सुरक्षा समितियों के प्रमुख हैं) न तो अधिकरण के आदेश का और न ही मुख्य सचिव के परिपत्र का जवाब दे रहे हैं. 


पीठ ने कहा कि इस समय हम नरम रूख अपना रहे हैं और 25,000 रुपये का सांकेतिक जुर्माना लगा रहे हैं. जिसे झारखंड एक सप्ताह के अंदर जमा करे. झारखंड (सरकार) को उल्लंघनकर्ता जिलाधिकारियों से यह राशि वसूलने की छूट होगी और उसे अधिकरण को रिपोर्ट सौंपनी होगी. अधिकरण ने 20 फरवरी को अपने आदेश में संबद्ध जिलाधिकारियों को संबंधित जानकारी देने के लिए और चार सप्ताह का समय दिया था. विषय की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी.


इनपुट- भाषा


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