Ranchi: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और 2007 में पहले टी20 विश्व कप को जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रॉबिन उथप्पा का कहना है कि भारत की टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों 10 विकेट की शर्मनाक पराजय के पीछे मानसिक गतिरोध जैसी कोई बात नहीं है और उस दिन रोहित शर्मा की टीम को इंग्लैंड ने बुरी तरह धो डाला. 


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उथप्पा ने उठाए सवाल


भारतीय क्रिकेटर्स इंडियन प्रीमियर लीग जैसे उच्च दबाव वाले टूर्नामेंट में खेलने के बावजूद आईसीसी इवेंट्स में अंडरपरफॉर्म करते रहे हैं और इंग्लैंड से सेमीफाइनल 10 विकेट से हार कर अपना दूसरा टी20 विश्व कप जीतने से दूर रह गए. भारत की आखिरी बड़ी ट्राफी 2011 में वनडे विश्व कप थी जो उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीती थी. 


उथप्पा का मानना है कि भारतीय खिलाड़ी उच्च दबाव वाली स्थिति में नौसखिये नहीं हैं. उन्होंने कहा, "यदि लोग भारत और आईसीसी इवेंट्स में मानसिक गतिरोध के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं. इनमें से अधिकतर आईपीएल में खेलते हैं जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंटों में से एक है." 


उन्होंने आगे कहा, "वे ऐसी स्थिति के अभ्यस्त हैं, वे नौसखिये नहीं हैं. ऐसे बड़े मैच वाले दिन वे उस तरह नहीं खेल पाए जैसा वे द्विपक्षीय सीरीज या व्यक्तिगत तौर पर आईपीएल में खेलते हैं. इंग्लैंड उस दिन बेहतर खेला और दबाव को बखूबी संभाला."


(इनपुट भाषा के साथ)