रांची : झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब कुछ दिनों तक भूखे पेट पढ़ाई करनी पड़ेगी. इसके पीछे की वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. दरअसल झारखंड में अब स्कूलों का संचालन एक अप्रैल से मॉर्निंग में होगा. इसके लिए स्कूल की टाइमिंग सुबह 7 बजे से दोपहर एक बजे तक रखी गई है. पिछले साल तक इस सेशन के लिए मध्यांतर की टाइमिंग 10 बजे थी ऐसे में बच्चों को मध्याह्न भोजन यानी मिड डे मिल मिल जाता था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


आपको बता दें कि झारखंड सरकार ने इस बार मिड डे मिल के लिए 11 बजे से 11.30 बजे का समय तक किया है. ये मिड डे मिल प्रारंभिक कक्षा के छात्रों को मिलते हैं ऐसे में उन्हें लंबे समय तक भूखे पेट ही पढ़ाई करनी पड़ेगी. बता दें कि सरकारी स्कूल में पढ़नेवाले ज्यादातर बच्चे गरीब होते हैं. वह रात का खाना खाने के बाद सबेरे 6 से 6.30 बजे के बीच स्कूल के लिए निकलेंगे ऐसे में उनको सुबह का नाश्ता नहीं मिल पाएगा. इनमें से ज्यादातर बच्चे तो ऐसे हैं जिनका एक वक्त का खाना ही मिड डे मिल पर निर्भर करता है. ऐसे में 10 बजे की सीमा को मिड डे मिल के लिए बदलना इनके लिए परेशानी खड़ी करेगा. 


पहले कई जगहों पर बच्चों को सुबह स्कूल शुरू होने के बाद चना गुड़ दिया जाता था इसके बाद उन्हें 10 बजे तक मिड डे मिल मिल जाता था. लेकिन इस बार मिड डे मिल के समय में बदलाव के बाद बच्चों को लंबे समय तक भूखे पेट रहकर हीं पढ़ाई करनी पड़ेगी. 


ये भी पढ़ें- अप्रैल में 11 दिन रहेगा झारखंड में बैंक अवकाश , झटपट निपटा लें काम, देखें छुट्टी की लिस्ट


सरकार की तरफ से मध्याह्न से पहले 5 घंटी पढ़ाई के लिए निर्धारित है जबकि इसके बाद केवल दो घंटी पढ़ाई होनी है. ऐसे में बच्चे खाली पेट ही 5 घंटी की पढ़ाई करेंगे. गर्मी के इस मौसम में वहीं कक्षा खत्म हने के बाद इंडोर और आउटडोर गेम को रखा गया है. ऐसे में सुबह सात बजे स्कूल आए बच्चे को 2 बजे तक स्कूल के परिसर में ही बिताना होगा. उसके बाद वह तेज धूप में ही स्कूल से घर लौटेंगे. 


पहले मॉर्निंग स्कूल का संचालन सुबह 6.30 बजे से 11.30 बजे तक होता था. इसमें बच्चे को स्कूल में रहने मिड डे मिल लेने और साथ ही घर वापस जाने में कोई परेशानी नहीं होती थी. लेकिन इस बार के शेड्यूल की वजह से यह परेशानी बच्चों की बढ़नेवाली है. अगर इस व्यवस्था को लागू नहीं किया गया तो बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका असर देखा जाएगा.