पलामू : पलामू के डालटनगंज व्यवहार न्यायालय के स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने भवनाथपुर से बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही को बरी कर दिया है. दरअसल, वर्ष 2006 में भवनाथपुर में डॉक्टर विजय सिंह नामक एक शख्स ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम के तहत विधायक भानु प्रताप शाही समेत अन्य लोगों पर प्रताड़ित करने और क्वार्टर से सामने फेंकने का आरोप लगाया था. जिसको लेकर प्रथिमिकी संख्या 53/2006 दर्ज था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कोर्ट से बरी होने के बाद मामले में विधायक भानु प्रताप शाही ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाने की कोशिश की गई थी, लेकिन न्यायालय ने उन्हे इंसाफ दिया है. वहीं अधिवक्ता एसएसपी देव ने बताया कि सबूतों और गवाहों को सुनने के बाद कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में विधायक को बरी किया गया है वहीं 4 अन्य अभियुक्त मनोज पहाड़िया, उपेंद्र दुबे, मनोज दुबे और भगत दयाल को 6 महीने से 18 महीने तक की सजा मिली है.


भानु प्रताप शाही के बारे में बता दें कि वह बीजेपी के एक प्रमुख विधायक हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिकाओं का निर्वहन किया है. भानु प्रताप शाही ने अपनी नेतृत्व में कई सार्वजनिक कार्यक्रमों और योजनाओं को आयोजित किया है, जो सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. भानु प्रताप शाही ने अपने क्षेत्र में विकास के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रमों की शुरुआत की हैं, जिनका लाभ सामाजिक और आर्थिक रूप से उनके क्षेत्र के लोगों को मिला है. उनकी पहचान उनके क्षेत्र में एक सक्रिय और सहयोगी नेतृत्व के रूप में है. इसके अलावा बता दें कि उन्होंने नई सड़कों का निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के साथ गरीबों और पिछड़े वर्गों के लिए सामाजिक कल्याण के लिए कार्य किया है.


इनपुट- श्रवण कुमार सोनी


ये भी पढ़िए- नीतीश ने लालू के बयान पर किया पलटवार, कहा- एनडीए में हैं और बिहार का विकास करेंगे