यह मंदिर राजधानी रांची के जगन्नाथपुर धुर्वा में स्थित है. इस मंदिर का निर्माण सन् 1691 ई में नागवंशी राजा ठाकुर एनी नाथ शाहदेव ने करवाया था. मंदिर एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है. यह पुरी में होने वाले रथ यात्रा की तरह रथ यात्रा निकालने के लिए प्रसिद्ध है.
पारसनाथ मंदिर गिरिडीह जिले में स्थित पहाड़ियों की एक श्रृंखला है. इसकी सबसे उच्चतम चोटी 1350 मीटर पर है. जैन धर्म के लिए यह मंदिर सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल केंद्र में से एक है. इसे सम्मेद शिखर भी कहते हैं.
भगवान का शिव का यह मंदिर गिरिडीह जिले के बगोदर में स्थित है. यहां पर स्थित शिवलिंग की ऊंचाई 65 फीट है. यह मदिर 'चट मंगनी पट ब्याह' के लिए भी प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि इस मंदिर में होने वाली शादियों का आंकड़ा हर साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा होती है.
रामगढ़ में स्थित भगवान शंकर का यह मंदिर बहुत ही प्राचीन और चमत्कारिक है. इस मंदिर की खासियत यह है कि इस मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक खुद मां गंगा करती हैं.
मां योगिनी मंदिर गोड्डा जिले के पथरगामा प्रखंड में स्थित है. जिसे मां योगिनी स्थान भी कहते हैं. मां योगिनी श्रद्धास्थल शास्त्रों में वर्णित 52 शक्तिपीठों में से एक है. तंत्र साधकों के बीच यह प्राचीन मंदिर बेहद लोकप्रिय है.
यह मंदिर साहिबगंज जिले में स्थित है. बाबा गाजेश्वर नाथ धाम, दूसरे बाबा धाम या मिनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध है. 'बाबा गाजेश्वर नाथ' धाम को 'शिवगादी' भी कहा जाता है.
राजधानी रांची से 60 किलोमीटर दूर मां दिउड़ी का मंदिर रांची-टाटा हाइवे पर स्थित है. यह मंदिर तब फेमस हुआ जब भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी यहां माता की पूजा करने आए थें. ऐसा दावा किया जाता है कि यह मंदिर 700 साल पूराना है.
रामगढ़ जिले में स्थित मां छिन्नमस्तिके का मंदिर दामोदर एवं भैरवी नदी के संगम पर स्थित है. इस मंदिर को 'प्रचंडचंडिके' के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा के साथ माता के दरबार में आता है. मां छिन्नमस्तिके उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करती है.
दुमका में स्थित बाबा बासुकिनाथ मंदिर देवघर – दुमका राज्य राजमार्ग पर स्थित है. जो भक्त बाबा वैद्यनाथ दर्शन करने जाते हैं वो बाबा बासुकिनाथ के मंदिर में जरुर आते हैं. हर साल यहां लाखों की संख्या में भक्त भगवान शंकर की पूजा करने आते हैं.
देवघर में स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. हर साल यहां लाखों की संख्या बाबा के भक्त दर्शन करने आते हैं. यहां लगने वाला श्रवानी मेला काफी मशहूर है. कहा जाता है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं बाबा पूरी करते हैं.
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