रांची में जिला प्रशासन ने कार्रवाई कर दो घरों को किया ध्वस्त, बेघर हुए लोग
भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी पीड़ित परिवार से मिलने घुर्वा पहुंचे. बाबूलाल मरांडी ने उपायुक्त से फोन पर बात करके अतिक्रमण रुकवाने की मांग की है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यहां पर कुल 17 घर है जिसमें दो घरों को तोड़ा गया.
रांचीः राजधानी रांची में स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट के दौरान धुर्वा में दो घरों को अतिक्रमण मुक्त किया गया. अतिक्रमण हटाने के दौरान जेसीबी के आगे आदिवासी परिवार खड़े हो गए थे और अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. बावजूद प्रशासन ने दोनों घरों पर बुलडोजर चला दिया जिसके बाद दोनों आदिवासी परिवार उसी स्थान पर त्रिपाल डालकर दिन रात गुजार रहे हैं.
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कार्रवाई रुकवाने की मांग
भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी पीड़ित परिवार से मिलने घुर्वा पहुंचे. बाबूलाल मरांडी ने उपायुक्त से फोन पर बात करके अतिक्रमण रुकवाने की मांग की है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यहां पर कुल 17 घर है जिसमें दो घरों को तोड़ा गया और 15 घरों को तोड़ने की योजना बनाई जा रही है. जिसका भारतीय जनता पार्टी विरोध करती है और सरकार और जिला प्रशासन से मांग करती है कि जब तक इन पीड़ित परिवार को दूसरे जगह घर नहीं दिया जाए तब तक यह अतिक्रमण रोका जाए नहीं तो भारतीय जनता पार्टी इन पीड़ित परिवार के साथ यहीं बैठ कर विरोध प्रदर्शन करेगी. हालांकि बाबूलाल मरांडी के आश्वासन के बाद स्मार्ट सिटी ने वहां काम बंद कर दिया.
तिरपाल लगाकर जीवन यापन कर रहे लोग
बता दें कि पीड़ित परिवार के लोग अतिक्रमण हटाते हुए जगह पर त्रिपाल लगाकर अपने दिनचर्या का काम कर रहे हैं. इस दौरान 2 परिवार के 20 सदस्य छोटे बच्चे और बड़े सभी इस त्रिपाल के नीचे बैठकर अपना जीवनयापन कर रहे है. परिवार का कहना है कि हमारे पूर्वजों की जमीन है और अचानक हमें नोटिस देकर हमारे घरों को तोड़ दिया गया. हमारे घरों को तोड़कर मंत्री विधायकों के लिए करोड़ों का महल बनाया जाएगा. स्मार्ट सिटी मॉल इत्यादि भवन बनाया जाएगा. हमारे गरीब लोगों के लिए पूर्वजों के घरों को तोड़कर आज महल बनाए जा रहे हैं हम जाएं तो जाएं कहां. उन्होंने कहा कि कई सालों से हम लोग यहां रहते थे और अचानक से हमारे घरों को तोड़ दिया गया हमारी जमीनों पर कब्जा कर लिया गया. सरकार से हम मांग करते हैं कि हमारी जमीन और हर दूसरे जगह दिलवाया जाए हम इस योजना का विरोध नहीं करते मगर हमारा परिवार कहां जाएगा.
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