रांची: Ranchi Jagannath Yatra 2023: 332 वर्षों के इतिहास और परंपरा को सहेजे राजधानी रांची के जगन्नाथपुर रथ मेले के आयोजन की तैयारी चरम पर है. आगामी 19 जून आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन भगवान श्री जगन्नाथ जी का नेत्रदान होगा यानी उनका महाश्रृंगार होगा और उसके अगले दिन रथ यात्रा निकाली जाएगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


332 वर्ष पहले हुई थी जगन्नाथ मंदिर की स्थापना
कभी ये यात्रा छोटानागपुर के बड़का गढ़ स्टेट की राजधानी हटिया में हुआ करती थी. जहां सन् 1691 ईसवी में ठाकुर ऐनी नाथ शाहदेव ने पुरी के तर्ज पर जगन्नाथपुर में श्री भगवान जगन्नाथ की मंदिर की स्थापना को आज 332 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन वहीं परंपरा वहीं इतिहास को सहेजे हुए भगवान जगन्नाथ की पूजा पाठ विधि विधान से होती आई है. 


इस मेले में दिखेगी विलुप्त होती चीजें 
दरअसल, एकांतवास के बाद भगवान श्री जगन्नाथ अपने मौसी के यहां अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ 10 दिनों के प्रवास में आते हैं जो मेले का रूप ले लेता है. मेले में एक बार फिर झूले सज रहे है. खाने पीने के स्टॉल लग रहे है. परंपरागत हथियार वाद्य यंत्र कृषि उपकरण समेत कई विलुप्त होती चीज इस मेले में नजर आती है. 


10 दिनों तक चलेगा भव्य मेला 
ठाकुर ऐनी नाथ शाहदेव की 13वीं पीढ़ी के ठाकुर सुधांशु नाथ शाहदेव मौजूद मिला और मंदिर के प्रबंधन को न्याय समिति के सहयोग से देखरेख कर रहे हैं. झारखंड के लिए रथ मिला आज उसकी पहचान बन चुका है. शायद इसीलिए राज्यपाल मुख्यमंत्री के साथ-साथ झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी मेले में शिरकत करेंगे. 19 जून को नेत्रदान है और 20 जून को रथ मिला. यह मेला पूरे 10 दिनों तक चलता है. 


आपको यह भी बता दें कि इस मेले का इंतजार न सिर्फ राजधानी रांची बल्कि आसपास के पड़ोसी राज्यों के लोगों को भी रहता है. यह मेला इस पूरे क्षेत्र के लिए आकर्षण का केंद्र है और इसकी खासियत मेले में घूमने से ही पता चलती है.


इनपुट- आयुष सिंह


यह भी पढ़ें- Jharkhand Weather: अभी नहीं मिलेगी लोगों को गर्मी से राहत, 19 जून के बाद होगी मानसून की बारिश