रांची: रांची की विशेष अदालत ने बुधवार को आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया. सिंघल, अभिषेक झा, जय किशोर चौधरी, शशि प्रकाश, आर. के. जैन और सीए सुमन कुमार के खिलाफ पूरक आरोपपत्र (सप्लीमेंट्री चार्जशीट) दायर किया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

11 मई को ED ने पूजा सिंघल को किया गिरफ्तार
इससे पहले ईडी ने कुमार को सात मई को और सिंघल को 11 मई को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी से पहले 6 मई को रांची, चंडीगढ़, कोलकाता, फरीदाबाद, गुरुग्राम और मुजफ्फरपुर में स्थित 27 विभिन्न परिसरों में व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया था.


तलाशी के दौरान, 19.76 करोड़ रुपये नकद, दो हाई-एंड कारों (जगुआर एफ पेस और टोयोटा फॉर्च्यूनर) सहित चार वाहन, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए थे.


ED ने शुरू की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
ईडी ने झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) द्वारा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 11, 13 (2) और 13 (1) (ई) के तहत दर्ज 16 प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. इससे पहले ऑडिट टीम ने खूंटी जिले में मनरेगा के तहत किए गए कार्यों में 18.06 करोड़ रुपये (इस मामले में अपराध की आय) का गबन पाया था.


ईडी को जांच के दौरान पता चला कि उस समय खूंटी की डिप्टी कमिश्नर सिंघल को राम बिनोद सिन्हा और अन्य इंजीनियरों द्वारा धनराशि स्वीकृत करने के लिए कमीशन का भुगतान किया गया था.


सिंघल और उनके पति पर ये आरोप
आरोप लगाया गया है कि सिंघल और उनके पति ने उक्त अपराध की अवधि के दौरान अपने बैंक खातों में बड़ी मात्रा में नकदी जमा की, जिसका बाद में विभिन्न संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए उपयोग किया गया.


उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट कुमार को सिंघल की ओर से धन उगाहने में शामिल पाया गया है. आरोपितों ने सिंघल के अपराध की मोटी रकम को विभिन्न संपत्तियों में भी निवेश किया है. इसलिए आरोपी व्यक्तियों को उक्त अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधि के परिणामस्वरूप उत्पन्न 'अपराध की आय' से जुड़ी गतिविधि में शामिल पाया गया और इस तरह पीएमएलए की धारा 3 के तहत आरोप लगाए गए.


इससे पहले मामले में ईडी द्वारा 4.28 करोड़ रुपये की कुर्की की गई थी, जिसकी पुष्टि बाद में निर्णायक प्राधिकरण ने की थी.


(आईएएनएस)