रांची : झारखंड की धड़कन कहा जाने वाला रिम्स अस्पताल की स्थिति प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है, जहां एक तरफ स्वास्थ्य विभाग लाख दावे कर रहा है. वहीं अस्पताल प्रबंधन की ओर से लापरवाही देखने को मिल रही है. रांची के रिम्स अस्पताल में इलाज कराने के लिए राज्य के 24 जिलों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. मगर न तो उनको बेड मिलता है और न ही उचित व्यवस्था. जिसके कारण यहां की हालात रोंगटे खड़े करने वाली है.


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अस्पताल प्रबंधन कर रहा लापरवाही
जानकारी के अनुसार रिम्स अस्पताल की गैलरी को ही वार्ड के मरीजों में तब्दील कर दिया है. अस्पताल प्रबंधन की ओर से बेड नहीं मिलने के बाद मरीज अपने बच्चों को लेकर बालकनी में ही उनका इलाज करवा रहे हैं. मरीजों का कहना है कि अगर हमारे पास पैसा होता तो हम प्राइवेट अस्पताल में चले जाते, मगर मजबूरी में हमें सरकारी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं.


जल्दी नहीं मिलती ऑपरेशन की डेट 
मरीजों का कहना है कि अस्पताल में ऑपरेशन की डेट जल्दी नहीं मिलती. अगर किसी को जांच करवानी है या मरीज की ड्रेसिंग करवानी होती है तो रुपए मांगते हैं. डॉक्टरों द्वारा जो भी दवा लिखी जाती है वह दवा भी बाहर से ही लानी पड़ती है. बाथरूमों के दरवाजे नहीं होने की बात भी मरीजों ने कही है. गंदगी के कारण आम लोगों को भी बीमारियां हो जाने का खतरा बना रहता है.


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा दोषियों पर होगी कार्रवाई 
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि रिम्स अस्पताल में जो जांच के नाम पर रुपए मांगने के आरोप लगे हैं. उस पर कमेटी बनाकर जांच की जा रही है, जो भी दोषी होंगे उन पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है, वहीं दवा की कमी को भी लेकर स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों को दवा उपलब्ध कराने की बात कही गई है. स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया है कि रिम्स अस्पताल की जो खामियां है उसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा और अस्पताल प्रबंधन के कुछ लोगों की लापरवाही के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उस पर भी हमारी नजर है जल्द ही कार्यवाही करके इस व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा.


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