रांची: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक 12 जुलाई से लेकर 14 जुलाई तक रांची के सरला बिरला विश्ववि‌द्यालय में सम्पन्न हुई. इस बैठक में संघ के विभिन्न कार्य योजनाओं पर चर्चा और समीक्षा की गयी. अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि संघ के दृष्टिकोण से पूरे देश भर में 46 प्रांत हैं. देश की युवा शक्ति काफी संख्या में संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त कर रही है, और जुड़ भी रहे हैं. संघ ने वर्ष 2012 में ज्वाइन आरएसएस (वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन) के तहत एक ऑनलाइन माध्यम प्रारंभ किया था. इसके अंतर्गत ऑनलाइन माध्यम से प्रतिवर्ष एक से सवा लाख लोग संघ के साथ विविध गतिविधियों में जुड़ रहे हैं. इस वर्ष भी जून के अंत तक 66529 लोगों ने संपर्क कर संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सुनील आंबेकर ने बताया कि इस वर्ष से संघ प्रशिक्षण वर्गों की रचना व पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया गया है. देशभर में 40 वर्ष से कम आयु के स्वयंसेवकों के लिए इस वर्ष कुल 72 वर्ग (संघ शिक्षा वर्ग 60, कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम 11, कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय 1) आयोजित हुए, इनमें कुल 20615 लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. 40 से 65 वर्ष की आयु के लोगों के लिए आयोजित 18 वर्गों में 3335 शिक्षार्थियों ने भाग लिया. पिछले वर्ष आयोजित प्राथमिक शिक्षा वर्गों में एक लाख नए लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. ऐसे ही नई रचना में सामान्य स्वयंसेवकों के लिए पहली बार प्रारंभिक वर्गों (तीन दिवसीय) का आयोजन देशभर में हो रहा है, जिसमें प्राथमिक से दोगुनी संख्या में युवा सहभागी हो रहे हैं.


सुनील आंबेकर ने रांची में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के अंतिम दिन आयोजित प्रेस वार्ता में बैठक के संबंध में जानकारी प्रदान की. उन्होंने बताया कि बैठक में कुल 227 कार्यकर्ता देशभर से अपेक्षित थे. बैठक में संगठन दृष्टि से महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन हुआ. प्रेस वार्ता में झारखंड प्रांत संघचालक सच्चिदानंद लाल, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख द्वय नरेंद्र कुमार व प्रदीप जोशी भी उपस्थित रहे. अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक (12, 13, 14 जुलाई) का आयोजन रांची के सरला बिरला विश्ववि‌द्यालय परिसर में किया गया था. आपसी विचार विमर्श के लिए विविध संगठनौ की समन्वय बैठक 31 अगस्त, 1,2 सितंबर 2024 को केरल के पलक्कड़ में होगी.


सुनील आंबेकर ने बताया कि विजयादशमी 2025 (100 वर्ष पूरे होने पर) तक देश में संघ कार्य विस्तार को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मंडल तथा शहरी क्षेत्रों में सभी बस्तियों में दैनिक शाखा का लक्ष्य तय किया है. मार्च 2024 तक देश में 58981 मंडलों में से 36823 मंडल में प्रत्यक्ष दैनिक शाखा है, ऐसे ही शहरी क्षेत्रों में 23649 बस्तियों में से 14645 बस्तियों में संघ कार्य है. शेष में साप्ताहिक अथवा मासिक संपर्क है, अभी देश में 73117 दैनिक शाखाएं, और 27717 साप्ताहिक मिलन चलते हैं. इसके अलावा जहां शाखा कार्य अथवा संपर्क नहीं है. संघ ऐसे 158532 गांवों में जागरण पत्रिकाओं के माध्यम से सकारात्मक संदेश, आध्यात्मिक विचार, संर्ती का संदेश लोगों तक पहुंचा रहा है.


ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से गौ सेवा व ग्राम विकास को मिलाकर विशेष योजना बना रहे हैं. दोनों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं, जिससे गांव की स्थिति बेहतर हो. युवाओं से भी आह्वान है कि 24 घंटे गांव में रहो, यह कार्य देखो व सहभागी बनो. उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक देशभर में सेवा कार्य कर रहे हैं. सेवा के साथ स्वावलंबन पर भी बल दिया जाता है. जिससे सेवा प्राप्त करने वाला स्वावलंबी बने. जहां-जहां भी संघ के स्वयंसेवक हैं, मणिपुर सहित उन सभी स्थानों पर स्वयंसेवक निरंतर सेवा कार्य करते हैं, और कर रहे हैं.


ये भी पढ़े- Jharkhand News: शिवराज सिंह चौहान पहुंचे रांची, 'विजय संकल्प सभा' में होंगे शामिल