Ranchi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरुवार को किए गए फोन पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की टिप्पणी से राजनीतिक बवाल मच गया है. भाजपा ने जहां सोरेन पर जवाबी हमला बोला, वहीं कांग्रेस ने उनका बचाव किया. इसके साथ ही कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मुद्दे पर सोरेन की निन्दा की है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सोरेन ने गुरुवार मध्य रात्रि एक ट्वीट किया था जिसमें कहा गया था, 'आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया. उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की. बेहतर होता यदि वह काम की बात करते और काम की बात सुनते.'



मुख्यमंत्री अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री द्वारा कल शाम किए गए फोन का जिक्र कर रहे थे. मोदी ने इस दौरान झारखंड में कोरोना संक्रमण से बढ़ते संकट पर बातचीत की थी. हेमंत सोरेन ने अपने ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने फोन पर हुई बातचीत में अधिकतर अपनी बातें ही कहीं और उन्होंने उन्हें अपनी बातें रखने का अवसर नहीं दिया. सोरेन के इस ट्वीट पर केन्द्रीय मंत्री एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, 'माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो आपको (सोरेन) फोन किया कि कोरोना से कैसे लड़ा जाए और भारत सरकार सबके साथ है. आपने आभार व्यक्त करने की बजाय उनकी आलोचना की. प्रधानमंत्री ने अपना बड़प्पन दिखाया लेकिन आपने अपनी तथा मुख्यमंत्री पद की गरिमा गिरा दी.'



मुंडा ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'आप इस बात का ध्यान रखें कि झारखंड के साढ़े तीन करोड़ लोग इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं. आपको इस तरह की आलोचना करने से बचकर सामूहिक कार्य कर इस लड़ाई को कैसे जीतें, यह सुनिश्चित करना चाहिए.'


इस बीच, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधने पर शुक्रवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की आलोचना की. रेड्डी ने शुक्रवार को ट्वीट किया, 'प्रिय हेमंत सोरेन, मैं आपका व्यक्तिगत तौर पर बहुत सम्मान करता हूं लेकिन एक भाई के तौर पर मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हमारे बीच चाहे जितने मतभेद हों, इस स्तर की राजनीति से हमारा राष्ट्र केवल कमजोर ही होगा.'


उन्होंने लिखा, 'कोविड-19 के खिलाफ इस जंग में यह समय किसी पर उंगली उठाने का नहीं, बल्कि साथ मिलकर महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हमारे प्रधानमंत्री के साथ खड़े होने का है.'


प्रधानमंत्री ने गुरुवार को झारखंड के अलावा आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों से बात कर उनके राज्यों में कोविड-19 हालात के बारे में बात की थी. प्रधानमंत्री की आलोचना पर भाजपा नेताओं ने भी शुक्रवार को सोरेन को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि उन्होंने संवैधानिक पद की गरिमा को धूमिल किया है.


भाजपा के संगठन महासचिव बी एल संतोष ने ट्वीट किया, 'कुछ नेता इस स्तर तक गिर गए हैं. प्रधानमंत्री फोन करते हैं और कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करते हैं. कम से कम अपने पद की गरिमा का तो ख्याल रखना चाहिए.'


भाजपा सांसद और पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी ने भी हेमंत सोरेन की आलोचना करते हुए ट्वीट किया, 'न आपको देश के संघीय ढांचे का ज्ञान, न सामान्य शिष्टाचार की समझ, न बड़ों से व्यवहार का प्रशिक्षण और न ही अपनी कुनीतियों से बेहाल झारखंड की चिंता है, हेमंत सोरेन. जनता आपकी गलत नीतियों की भेंट न चढ़े. आप झारखंड के लोगों को उनके हाल पर छोड़ सकते हो, मगर मोदी सरकार हर क्षण उनके साथ है.'


असम भाजपा के वरिष्ठ नेता हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि सोरेन का ट्वीट सामान्य शिष्टाचार के खिलाफ है और लोगों की परेशानियों का मजाक उड़ाने जैसा है क्योंकि प्रधानमंत्री ने उनका हालचाल जानने के लिए फोन किया था. उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री ने पद की गरिमा को धूमिल किया है.


वहीं, इस विवाद में हेमंत सोरेन का खुलकर साथ देते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को मुख्यमंत्री सोरेन की बात भी सुननी चाहिए थी. मुख्यमंत्री इस बात से दुखी थे कि राज्य जिन मुद्दों से संघर्ष कर रहा है, उनपर उन्हें बोलने का मौका ही नहीं दिया गया.


कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा, 'यदि मुख्यमंत्री राज्य की समस्याओं से प्रधानमंत्री को वाकिफ कराना चाहते थे तो इसमें सोरेन ने क्या गलत किया?'


झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के झारखंड में विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी इस मुद्दे पर हेमंत सोरेन के बयान की कड़ी आलोचना की.


रघुवर दास ने पत्रकारों से कहा, 'मुख्यमंत्री को संवेदनशीलता के साथ एकजुट होकर राज्य की जनता के लिए काम करना चाहिए. माननीय मुख्यमंत्री आप अधीर न हों, मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभाना सीखिए और सबका सहयोग लेकर झारखंड को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने के लिए काम करिए.'


उन्होंने कहा, 'अभी इस मुद्दे पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है. माननीय मुख्यमंत्री का ट्वीट देखकर काफी दुख हुआ. जिस तरह की गैर जिम्मेदारी वाला ट्वीट हेमंत जी ने किया है, वह निश्चित तौर पर बहुत निंदनीय है.' मरांडी ने सोरेन को विफल मुख्यमंत्री बताते हुए उनके बयान की आलोचना की.


भाजपा नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शहनवाज हुसैन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपको (सोरेन) व्यक्तिगत तौर पर फोन कर झारखंड की स्थिति और यहां कोविड संकट के प्रबंधन तथा जनता को इस संकट से बचाने की तैयारियों के बारे में जानकर आपको पूर्ण सम्मान दिया. लेकिन आप ने ऐसे हल्के शब्दों का प्रयोग कर जनता की नजरों में अपना सम्मान घटा दिया.'


अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ट्वीट किया, 'जब भी प्रधानमंत्री फोन करते हैं तो हमेशा आश्वस्त महसूस करता हूं. यह समय कोरोना को हराने के लिए मतभेदों को भुलाकर एक साथ खड़े होने कहा है. जब तक सभी सुरक्षित नहीं होंगे, हम भी सुरक्षित नहीं हैं.'


मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने भी हेमंत सोरेन के बयान की आलोचना की और उनसे अपना बयान वापस लेने की भी अपील की.


(इनपुट- भाषा)