रांची: Jharkhand News: झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (जेएसएससी) की ओर से राज्य में नगर पालिका सेवा संवर्ग के 921 पदों पर नियुक्ति के लिए 29 अक्टूबर का आयोजित परीक्षा विवादों के घेरे में फंस गई है. 


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झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा बीते दिनों में नगर पालिका सेवा प्रतियोगिता परीक्षा ली गई थी. जहां इसमें धांधली के आरोप लगे थे. इसको लेकर झारखंड स्टूडेंट यूनियन के द्वारा आज न्याय मार्च सह महाधरना का आयोजन किया गया. यह आयोजन राजधानी रांची के मोराबादी मैदान से होकर मोराबादी की ओर निकली इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र इसमें शामिल हुए. 


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रांची, जमशेदपुर, धनबाद में कई केंद्रों पर ली गई इस परीक्षा में कई जगहों पर क्वेश्चन पेपर का सील टूटा होने, कुछ केंद्रों पर परीक्षार्थियों को ओएमआर शीट न मिलने, बुकलेट पर सीरियल नंबर प्रिंट न होने या मार्कर-पेन से लिखे होने जैसी शिकायतें मिली थी. इसे लेकर कई केंद्रों पर छात्रों ने हंगामा किया था.


कमीशन ने पहले छात्रों की शिकायतों को खारिज कर दिया था और हंगामा करने वाले कई छात्रों पर एफआईआर दर्ज कराई थी. छात्रों की शिकायतों के मद्देनजर कमीशन ने अब पांच केंद्रों की परीक्षा रद्द कर दी है. अब छात्रों के संगठन और विपक्षी दलों के नेता परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की जांच की मांग कर रहे हैं. शुक्रवार को इस मुद्दे को लेकर झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन ने रांची में मोरहाबादी मैदान से लेकर राजभवन तक न्याय मार्च निकाला और परीक्षा में गड़बड़ियों की सीबीआई जांच कराने की मांग की. 


झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने नगरपालिका सेवा संवर्ग संयुक्त परीक्षा की न्यायिक जांच की मांग की है. उन्होंने सरकार से अभ्यर्थियों पर हुई एफआईआर को भी वापस लेने की मांग की है.


बाउरी ने कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की गलती के कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है, यह राज्य की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार झारखंड की नौकरियों को बेचने की कोशिश कर रही है. 
(इनपुट-आईएएनएस)