नक्सली संगठन को पुलिस की गतिविधियां पहुंचाता था सब इंस्पेक्टर, हुआ बर्खास्त
सब इंस्पेक्टर मनोज के खिलाफ लगे आरोपों की जांच खूंटी पुलिस अधीक्षक अमन कुमार ने जांच की थी. जांच में यह बातें सामने आई थी कि मनोज का काफी करीबी संबंध पीएलएफआई उग्रवादियों से है.
खूंटी: प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई से सांठगांठ और पुलिसिया गतिविधियों की जानकारी देने के आरोप में झारखंड पुलिस के 2018 बैच के सब इंस्पेक्टर मनोज कच्छप को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. जिसके उपर पहले से ही मामला पुलिस प्रशासन को संज्ञान में था. सत्यता के बाद खूंटी एसपी के रिपोर्ट के आधार पर रांची डीआईजी अनूप बिरथरे ने सब-इंस्पेक्टर मनोज कच्छप जो वर्तमान में तोरपा में सेवा में रहे जिनको बर्खास्त कर दिया है.
क्या है पूरा मामला
सब इंस्पेक्टर मनोज के खिलाफ लगे आरोपों की जांच खूंटी पुलिस अधीक्षक अमन कुमार ने जांच की थी. जांच में यह बातें सामने आई थी कि मनोज का काफी करीबी संबंध पीएलएफआई उग्रवादियों से है. वह पुलिस की गतिविधियों की सूचना पीएलएफआई उग्रवादियों को देता था. खूंटी एसपी ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया था कि ऐसी परिस्थिति में मनोज कच्छप का विभाग में बने रहना सुरक्षा के लिए खतरनाक था. जिसका खुलासा पीएलएफआई के कुख्यात उग्रवादी अवधेश जायसवाल उर्फ चूहा जायसवाल ने भी किया था. जो विगत 2022ई के फरवरी महीने में झारखंड पुलिस द्वारा को गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस की हर सूचना देता था सब इंस्पेक्टर
चूहा जायसवाल ने अपने बयान में बताया था कि खूंटी जिला बल का सब इंस्पेक्टर मनोज कच्छप संगठन के कई कामों में मदद करता था. चूहा जायसवाल के अनुसार, जब मनोज रनिया थाना में पदस्थापित था, उस दौरान वह अपने निजी चालक के साथ संगठन के सुप्रीमो दिनेश गोप के साथ-साथ दूसरे साथियों के साथ मुलाकात करने आता था. इस दौरान वह उग्रवादियों के साथ बैठकर शराब भी पीता था. फिर वह पुलिस की हर गतिविधि की सूचना भी देता था. इसके एवज में संगठन के लोग उसे पैसे भी देते थे. पुलिस की गतिविधियों को उग्रवादियों तक पहुंचाने के लिए जिस मोबाइल फोन का प्रयोग मनोज करता था, उसे संगठन द्वारा ही उपलब्ध कराया गया था.
जांच के बाद हुई बर्खास्त करने की अनुशंसा
चूहा जायसवाल के बयान के बाद यह साफ हो गया कि मनोज उग्रवादी संगठन के लिए काम कर रहा था, तब खूंटी के एसपी अमन कुमार ने मनोज कच्छप को सेवा से बर्खास्त करने की अनुशंसा की थी. उसके बाद रांची डीआईजी द्वारा तमाम अभिलेख, आरोप, प्रदर्शन अभियोजन और साक्ष्यों के आधार पर मनोज को बर्खास्त कर दिया गया.
इनपुट- ब्रजेश कुमार
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