गढ़वा: गढ़वा उतरी वनक्षेत्र स्थित गोबरदाहा जंगल में बाघ द्वारा दो पशुओं का शिकार किये जाने के मामला सामने आया. गांव निवासी शिवनाथ यादव ने बताया कि पशु को बाघ द्वारा ही खाया गया है, इसकी पुष्टि खुद पलामू जोन के सीएफ सह डीएफओ दिलीप यादव ने की है. वहीं कुछ लोगों द्वारा बाघ के साथ एक शावक के भी होने की बात कही जा रही है. लेकिन शावक के साथ होने पुष्टि वन विभाग की ओर से नहीं की जा रही है.


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यह पहला मौका है जब गढ़वा जिले में बाघ होने की पुष्टि हुई है. इससे क्षेत्र के लोग दहशत में आ गये हैं. बाघ देखे जाने की पहली घटना तीन मार्च सुबह पांच बजे की बतायी गयी है, लेकिन इसकी पुष्टि होने में छः दिन समय लग गया है. इस संबंध में बताया कि शिवनाथ यादव दूध का व्यवसाय करते हैं, उनके पास 20-25 भैंसे हैं. वे प्रतिदिन की तरह तीन मार्च की सुबह चार बजे अपनी भैंसों को चराने के लिए गोबरदाहा जंगल ले गये थे, इसी दौरान करीब पांच बजे एक तीन साल के भैंस के ऊपर घात लगाये बाघ ने हमला कर दिया. हमला करने के बाद बाघ ने उसे मार डाला तथा करीब दो सौ मीटर दूर घसीटकर ले गया. डर की वजह से शिवनाथ यादव उस ओर नहीं गए. कुछ देर बाद जब वे उस ओर गये तो पाया गया उनके भैंस के शरीर के गर्दन तरफ का काफी मांस खाने के बाद बाघ जा चुका है.


इस सूचना के बाद डीएफओ दिलीप यादव ने वनरक्षी के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया. साथ ही इसकी जांच के लिए फुटमार्क की तस्वीर को जांच के लिये रांची भेजी गयी. इस घटना के बाद गोबरदाहा, चामा, पेशकला, दुलदुलवा, सिगसिगा, बौराहा आदि क्षेत्र में वन विभाग की ओर से माईकिंग कर बाघ से सतर्क रहने की अपील की है. वही डीएफओ ने कहा की यह पग मार्क बाघ की है इस एरिये मे दो दो नेशनल पार्क है. पलामू टाइगर रिजर्व और छत्तीसगढ़ से सटे हुए टाइगर रिजर्व बाघ है जिसके चलते यह यंहा आया होगा. उन्होंने कहा कि हम सतर्क है.


इनपुट- आशीष प्रकाश राजा


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