Jharkhand News: बोकारो में जंगली हाथियों का आतंक, एक महिला को कुचला, गांव में दहशत का माहौल
महिला जंगल में महुआ चुनने गई हुई थी. वहीं हाथियों के झुंड के बीच फंस गई और हथियों ने उसे कुचल डाला. जबकि बच्चियों ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई. घटना की सूचना बच्चियों ने गांव के लोगों को दी.
बोकारो: बोकारो के गोमिया में रविवार को जंगली हाथियों ने एक महिला को कुचल दिया. महिल के कुचलते ही उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जंगली हाथियों के आतंक से गांव के लोग परेशान है. यह कोई पहला मामला नहीं है, यहां आए दिन हाथी गांव में आकर ग्रामीणों का नुकासन करते है.
महिला को हाथी ने कुचला, मौके पर मौत
दरअसल, महिला जंगल में महुआ चुनने गई हुई थी. वहीं हाथियों के झुंड के बीच फंस गई और हथियों ने उसे कुचल डाला. जबकि बच्चियों ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई. घटना की सूचना बच्चियों ने गांव के लोगों को दी, सूचना के बाद गांव के लोग महिला का शव लेने के लिए गए, तो हाथी ने एक युवक को अपनी सुढ से पकड़ लिया और जमीन पर पटक दिया, गनीमत रही को युवक को ज्यादा चोट नहीं आई. जैसे-तैसे कर युवक ने अपनी जान बचाई.
गांव में दहशत का माहौल
बोकारो के सरैयाडीह गांव में पीछले कुछ दिनों से जंगली हाथियों ने तांडव मचा रखा है. रविवार को एक महिला को हाथियों ने कुचल कर मार डाला, वहीं एक युवक को घायल कर दिया. यह समस्या किसी एक दिन की नहीं है. आए दिन लोग जंगली हाथियों का शिकार हो रहे हैं. वन विभाग को इन पर कार्रवाई कर ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि गांव में जंगली हाथी ना आ पाए.
बाइक सवार पर किया हमला
रविवार को महिला को कुचलने के बाद हाथियों ने सबसे पहले बाइक सवार दो युवकों को सूंढ से पकड़कर खींच लिया. गिरते ही हाथी ने एक युवक के सिर पर पांव रख दिया लेकिन युवक हेलमेट पहने हुए था. जिसके हाथी का पैर फिसलकर युवक के छाती से जा लगा. फिर गुस्साए हाथी ने युवक को पैरों से मारकर दूर फेक दिया. मौका मिलते ही युवक जैसे-तैसे वहां से भागा और दूर खड़े साथी युवक के सहारे गांव तक पहुंचा. इसके बाद भाई हाथियों का गुस्सा यहीं शांत नहीं हुआ, मोटरसाइकिल को भी निशाना बनाकर क्षतिग्रस्त कर दिया.
युवक की टूट गई पसली
हाथी के हमले के बाद घायल युवक की पसली पूरी तरह टूट गई है. ग्रामीणों ने घायल युवक को अस्पताल भेज दिया. घटना से पूरे गांव में भय का माहौल है, ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही बरतने समेत कई गंभीर आरोप लगाएं है.
इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा