जेल में रहकर बेहतर भविष्य गढ़ने की कवायद कर रहे युवा
अपराध की दुनिया में कदम रख चुके कई युवा राजधानी रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बन्द है लेकिन राजधानी के जेल से भी एक अच्छी खबर निकलकर सामने आ रही है.
रांची : अपराध की दुनिया में कदम रख चुके कई युवा राजधानी रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बन्द है लेकिन राजधानी के जेल से भी एक अच्छी खबर निकलकर सामने आ रही है. भले ही अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद जेल में बंद युवा वहां से अपने सुनहरे भविष्य को गढ़ रहे हैं .
जेल में रहकर परीक्षाओं की कर रहे तैयारी
राजधानी रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में कई युवा कैदी बंद हैं. विभिन्न अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने की वजह से काल कोठरी में उनकी जिंदगी गुजर रही है, लेकिन जेल के अंधेरे से बाहर आने की कवायद उन्होंने जेल में रहकर ही शुरू कर दी है. दरअसल बुधवार की सुबह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में हुई छापेमारी में कई वार्ड और युवा कैदियों के पास से कई तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित किताबें मिली है. उपायुक्त रांची ने जानकारी देते हुए बताया कि वहां पर जो कैदी हैं कोई ग्रेजुएशन की तैयारी कर रहा है तो कोई किसी प्रतियोगिता परीक्षा की.
मामले की जानकारी देते हुए एसएसपी रांची का कहना है कि ऐसे भी जेल को सुधार गृह माना जाता है. इसीलिए कैदियों को इससे संबंधित तमाम सुविधाएं भी दी जाती है. जैसे कि जेल में उनके पढ़ने की व्यवस्था के तहत लाइब्रेरी भी है और अगर कोई जेल जाकर सुधार की दिशा में कदम आगे बढ़ाता है तो यह बहुत सुखद खबर है.
आपको बता दें कि अपराधी की मनोदशा को बदलने और उसे समाज की मुख्यधारा में लाने में शिक्षा का अहम योगदान हो सकता है. ऐसे में जेल में रहकर विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में लगे ये युवा सुख अनुभूति दे रहे हैं. ये युवा इसलिए प्रयत्नशील हैं कि जब वह बाहर आएं तो अपने भविष्य को सुनहरा बना सकें.
(रिपोर्ट- कामरान)
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