Nitish Kumar Kundali: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जन्म कुंडली मिथुन लग्न की है और कुंडली में बुध और भाग्य शनि का राजयोग इस कुंडली की सबसे बड़ी अच्छाई और खासियत को दर्शा रहा है. यहां लगे बुद्ध मलिक भाग्य व शनि की राशि में विराजमान है वहीं सनी भाग्यश होकर चौथे भाव में बुध की राशि में विराजमान है. इसी राशि परिवर्तन राज योग के कारण एक साधारण से घर में जन्म लेकर वह बिहार के सीएम पद पर काफी लंबे समय से उपस्थित है.


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शुक्र मंगल दशा भाव में कर्म स्थान पर नीतीस अकसर करते है उलट-पलट (Nitish Kumar ki kundli Mein Rajyog)
आचार्य मदन मोहन ने बताया कि वाणी भाव का स्वामी चंद्रमा नीच भंग राजयोग का निर्माण कर रहा है जैसा कि आप जन्म कुंडली में देख रहे हैं भाग्य संस्थान पर कुंभ राशि का सूर्य बुध गुरु और राहु बैठे हुए है. कभी-कभी यह अपनी वाणी से फिसल जाते हैं गुरु राहु के साथ बैठे हुए गुरु चांडाल योग बन रहा है जो भाग्य के विकास की ओर ले जाने में असमर्थ होता है फिर भी भाग्य में विकास इनको प्राप्त हो जाता है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार वाणी के बहुत धनी व्यक्ति हैं सूर्य बुध एक साथ कुंभ राशि का भाग्य संस्थान में विद्यमान है इससे यह स्पष्ट होता है कि बोलते बहुत कम है लेकिन वही बात बोलते हैं जो दुनिया सुनना चाहती है. शुक्र मंगल दशा भाव में कर्म स्थान पर मीन राशिगत बैठे हुए हैं. जिससे यह स्पष्ट होता है कि हर एक स्थिति और परिस्थिति में वे अपने जीवन को और अपने पद को प्राप्त करने के लिए किसी भी तरफ हो पलट बार कर सकते हैं. यहां दूसरे भाव का स्वामी शत्रु भाव में नीचे है वही उसे भाव का स्वामी दशम भाव में उच्च के शुक्र के साथ विराजमान है. इस योग के कारण उनके जीवन में संघर्ष के बाद सफलता मिली जब छठे भाव का स्वामी उच्च होकर केंद्र में विराजमान होता है तो ऐसा जातक जीरो से हीरो बनने में कोई डर नहीं लगती और ठीक इसी प्रकार से इनको उपलब्धि प्राप्त हुई है.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की जन्म कुंडली में दशम भाव का मंगल बेहद बलवान है बहुत शक्तिशाली है और वह उन्हें अनुशासित बनता है उनके अंदर जिम्मेवारियों का बोझ डालता है. यही कारण है कि वह अपनी नीतियों को काफी तेजी से लागू करवा पाने में सफल रहे हैं वह अपनी जिम्मेदारियां को पूर्ण करते हैं. इस कुंडली में एक कुशल प्रशासक बनने के भी बहुत सुंदर योग विद्यमान है यहां राजधर्म का कारक गुरु बुध और राहु के साथ नवम भाव में विराजमान हैं ऐसा व्यक्ति न्याय के रास्ते पर चलने वाला होता है.


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शनि और गुरु के अष्टम भाव के कारण नीतीश के बिगड़े मोदी से संबंध (Nitish Kumar Kundli)
आचार्य ने आगे कहा कि नीतीश जी के जन्म कुंडली में जो नवम भाव में सूर्य बुध गुरु राहु बैठे हुए हैं राहु बेशक गुरु चांडाल योग बन रहा है वस्तुतः अध्यात्म में संलग्न रहने के कारण गुरु इनको बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म देता है उनकी वाणी के कारण अभी कुछ समय से इनका स्वभाव तथा स्वास्थ्य ठीक नहीं है. इनकी कुंडली में गुरु केंद्र आधिपत्य दोष से पीड़ित है. राहु के साथ गुरु बैठे हुए हैं नवम भाव में और सप्तम भाव का कारक इस भाव से राजनीति में गठबंधन देखा जाता है. यानी कि दो पक्ष को जोड़कर के एक पक्ष बनाना इस भाव के स्वामी पर राहु केतु का प्रभाव और शनि के साथ सदाश्ताक दोष होने के कारण भी कभी किसी के साथ टिक्कर कम नहीं कर सकते सदाश्ताक योग का फल यही होता है कि वह एक साथ मिलकर के कभी लंबे समय तक कार्य नहीं कर पाएंगे. साथ ही कहा कि सनी और गुरु एक दूसरे से अष्टम और अच्छा के संबंध बनने के कारण इन्हें संबंध बिगड़ जाते हैं पीएम मोदी की कुंडली में चंद्रमा लग्न में वही उनके शत्रु भाव में विराजमान होने से दोनों अलग हुए हैं. उसके बाद फिर राजद के पास गए और फिर अलग हुए हैं और फिर वर्तमान में उनके साथ हैं हर नीचे के चंद्रमा और गुरु के कारण उनके साथ यह वियोग और योग बन रहा है फिर भी इनकी मानसिकता ठीक नहीं हो पाएगी सदाश्ताक योग के कारण यह जुड़ते रहेंगे और टूटे रहेंगे.


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राहु का गोचर सप्तम भाव नीतीश को साझेदारों से करेगा अलग, होंगे परेशान  ( Nitish Kumar Horoscope)  
आचार्य मदन मोहन के अनुसार वर्तमान में शनि का गोचर चौथे भाव से और राहु का गोचर छठे भाव से हो रहा है इस समय कार्य की अधिकता होगी और इन्हें अपनी सेहत का भी ध्यान रखना होगा. अक्टूबर के बाद उनके लिए समय अनुकूल नहीं है राहु इनकी कुंडली में इन्हें साझेदारों से अलग कर रहा है और अक्टूबर के बाद राहु का गोचर सप्तम भाव में फिर से इन्हें परेशान करेगा और यह किसी पार्टी से मिलकर फिर नहीं रह पाएंगे और यह अकेले कुछ कर नहीं पा सकते हैं. इसलिए वर्तमान में नीतीश कुमार सब को एक करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन सप्तम और सप्तम के स्वामी पर केतु का प्रभाव होने नहीं देगा. 


सीएम की कुर्सी के लिए करनी पड़ सकती है कसरत (Astrology for Bihar CM Nitesh Kumar)
भविष्य में इनको अगली बार सीएम की कुर्सी भी जाता हुआ दिखाई दे रहा है, लेकिन समय की गरिमा को समझते हुए गुरु कुंभ राशि का भाग्य स्थान में विद्यमान है. तो कम की कुर्सी के लिए तो कह सकते हैं कि उपस्थिति बन जाएगी, लेकिन बहुत मेहनत और बदलाव अगर समाप्त हो गया तो बहुत अच्छा है ग्रहों की उपस्थिति ग्रहों की जुगलबंदी बहुत ही विचित्र स्वरूप में विद्यमान है.


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