Bhagya Rekha: भाग्यरेखा में तिल का क्या होता है मतलब, जानें इससे धनहानि होगी या मिलेगी पैत्रक संपत्ति?
व्यक्ति के हाथों की रेखाओं से उसके जीवन में आने वाले सुख-दुखों का अनुमान लगााय जा सकता है. समय के साथ रेखाएं बनती-बदलती रहती हैं. व्यक्ति का समय भी उसी अनुसार बदलता रहता है.
Bhagya Rekha: सनातन परंपरा में हस्तरेखा शास्त्र का बहुत महत्व है. हत्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हाथों की रेखाओं से व्यक्ति के पूरे जीवन का अंदाजा लगाया जा सकता है. व्यक्ति के हाथों की रेखाओं से उसके जीवन में आने वाले सुख-दुखों का अनुमान लगााय जा सकता है. समय के साथ रेखाएं बनती-बदलती रहती हैं. व्यक्ति का समय भी उसी अनुसार बदलता रहता है. हत्तरेखा शास्त्र में व्यक्ति के भाग्य को उसके हाथ में बनी भाग्य रेखा के जरिए समझा जा सकता है. लंबी, गहरी और चमकदार भाग्य रेखा को सबसे अच्छा माना जाता है. जिन लोगों के हाथों में ऐसी भाग्य रेखा होती है, वह काफी प्रतिभावान और धनवान होते हैं. आमतौर पर लीडर के हाथ ऐसी रेखा होती है.
अगर हाथ में दोहरी भाग्य रेखा है तो ऐसे व्यक्ति कला प्रेमी होते हैं. ऐसे व्यक्ति के पास आय के दो स्त्रोत देखने को मिलते हैं. ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में सफलता के सर्वोच्च शिखर तक पहुंचते हैं. कुछ मायनों में दोहरी भाग्य रेखा अशुभ सूचक भी होती है. अगर भाग्य रेखा के समानांतर दूसरी भाग्य रेखा जीवन रेखा से प्रारंभ हो रही है तो जीवन के उस आयु वर्ष में व्यक्ति को बड़ी धन हानि उठानी पड़ती है.
भाग्य रेखा में तिल होना शुभ नहीं माना जाता है. ऐसे व्यक्तियों को हमेशा नुकसान उठाना पड़ता है. भाग्य रेखा पर तिल होने से व्यक्ति के मान-सम्मान को ठेस पहुंच सकती है. ऐसे लोगों को झूठे आरोपों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे लोगों को संपत्ति के विवाद में कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं.