Bhai Dooj 2023: भाईदूज (Bhai Dooj) दिवाली उत्सव के दूसरे दिन मनाया जाता है. भाईदूज (Bhai Dooj) को भाऊ बीज, भतृ दित्य, भाई फोटा और भाई टीका के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन भाई-बहन के बीच पवित्र रिश्ते की याद दिलाता है. बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी समृद्धि और दीर्घायु के लिए प्रार्थना करती हैं.


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विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार, भाई दूज 2023 शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. भाई दूज 14 नवंबर, 2023 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा. हालांकि, भाईदूज (Bhai Dooj) की उत्पत्ति से संबंधित पौराणिक कथा में कहा गया है कि इस दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमी से मिलने गए थे, जिन्होंने फूलों से स्वागत किया. इसके बाद उनके माथे पर तिलक लगाया. इसके बाद यमराज ने यमी को एक उपहार दिया जो स्नेह को दर्शाता था.


भाईदूज (Bhai Dooj) का क्या अर्थ है?
भाईदूज (Bhai Dooj) दो शब्द भाई और दूज से मिलकर बना है. भाई का मतलब है भाई और दूज का अमावस्या के निकलने का दूसरा दिन होता है. माना जाता है कि इसलिए दिवाली के पर्व के दूसरे दिन भाईदूज (Bhai Dooj) का त्योहार मनाया जाता है.


भाईदूज (Bhai Dooj) को यम द्वितीया भी कहा जाता है क्यों?
दक्षिणी भारत में भाईदूज (Bhai Dooj) यम द्वितीया भी कहा जाता है. ये नाम यम की कथा से लिया गया है, जो मृत्यु के देवता हैं और उनकी बहन यमुना हैं. पौराणिक कथा के अनुसार, यम अपनी बहन से द्वितीया के दिन मिले थे. यह अमावस्या के दूसरे दिन होता है. इस विशेष घटना को पूरे देश में यमद्वितीया के रूप में मनाया जाने लगा. इसके बाद से देश में कुछ लोग भाईदूज (Bhai Dooj) को यम द्वितीया के रूप में मनाते हैं.


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भाईदूज (Bhai Dooj) परंपरा, अनुष्ठान और संस्कृति
भाईदूज (Bhai Dooj) के त्योहार के इर्द-गिर्द कई रीति-रिवाज और परंपराएं घूमती हैं.