Chandra Grahan: इस साल दूसरा और अंतिम चंद्रगहण शरद पूर्णिमा की रात को लग रहा है. इस ग्रहण की शुरुआत 28 अक्टूबर की रात 11 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर रात के 3 बजकर 36 तक रहेगा. इसके ठीक 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होगा. इस दौरान सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे और साथ ही किसी तरह का भी पूजा और अनुष्ठान नहीं होगा. 


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यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. यह भारत में भी दिखाई देगा. इसका सूतक काल पूरे देश में मान्य होगा. ऐसे में सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू होगा और ग्रहण की समाप्ति के साथ ही सूतक काल भी समाप्त हो जाएगा. ऐसे में ग्रहण की अवधि तक सूतक काल मान्य होगा. ऐसे में इस दौरान सावधानी बरते की आवश्यकता है नहीं तो जीवन भर इसका दुष्प्रभाव आपके ऊपर पड़ेगा. 


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इस समय पर अनहोनी की संभावना भी अत्यधिक होती है. ऐसे में इस सूतक काल को अशुभ भी माना जाता है. ऐसे में खासकर गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने को कहा जाता है. उन्हें घर से बाहर निकलने पर पाबंदी होती है और इस ग्रहण के दौरान नुकीली चीजों के इस्तेमाल से भी बचने की सलाह दी जाती है. 


ग्रहण के दौरान अगर भोजन पहले से पका हो तो भी नहीं खाना चाहिए, अगर पका भोजन हो तो इसमें ग्रहण से पहले ही तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए. ऐसे में ग्रहण के दौरान खाना-पीना वर्जित है. घर में लगे तुलसी के पौधे को भी ग्रहण लगते ही छूने से बचना चाहिए. इस दौरान घर में मंदिर में भी भगवान की मूर्तियों के सामने भी पर्दा लगा देना चाहिए. 


इस ग्रहण के दौरान मेष, मिथुन, वृषभ और धनु राशि के जातकों को इस चंद्रगहण के दौरान किस्मत खुलनेवाली है. ऐसे में इन राशियों के लिए यह चंद्रग्रहण विशेष लाभदायी सिद्ध होगा. इस दौरान सभी को भगवान श्री हरिनारायण के मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए या फिर गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत का पाठ करना इस दौरान बेहतर माना गया है. इस दौरान मल, मूत्र का त्याग भी नहीं करना चाहिए. साथ ही मांस मदिरा का सेवन भी इस दौरान वर्जित है. नहीं तो ग्रहण के दुष्प्रभावों की वजह से जिंदगी भर आपको पछताना पड़ेगा.