Grah Gochar: ज्योतिष के अनुसार कुंडली के हर भाव में बैठे ग्रहों का अपना अलग महत्व होता है इसके साथ ही ये ग्रह अगर किसी दूसरे ग्रह के साथ एक ही भाव में युति करते हैं तो इसका भी जातक के जीवन पर अनुकूल या प्रतिकूल असर देखने को मिलता है. आपको बता दें कि ज्योतिष के अनुसार नवग्रहों में से दो छाया या पाप ग्रह हैं. वहीं कुछ ग्रह शुभ ग्रह तो कुछ क्रुर ग्रह हैं. ऐसे में इन ग्रहों की युति जीवन पर क्या असर डालती है आइये इसे ज्योतिष के हिसाब से ही समझने की कोशिश करते हैं. 


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ग्रहों के इस युति को ग्रहों का गोचर कहा जाता है. यह मुलत: तब होता है जब ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं और किसी एक भाव में दो या दो से अधिक ग्रह एक साथ बैठ जाते हैं. ऐसे में सूर्य और चंद्र की युति जहां जातक को कार्यकुशल, पराक्रमी, चतुर बनाता है वहीं उसके अंदर दुष्टता से भरा और अहंकारी बना देता है. 


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सूर्य और मंगल की युति जातक को पाप से भरा, क्रोधी, कलह करनेवाला, झूठ बोलनेवाला, मूर्ख बना देता है जबकि ऐसे जातक बलवान हो जाते हैं. वहीं सूर्य-बुध की युति लोगों को विद्वान, यशवान, बुद्धिमान, धनवान, कला प्रेमी और प्रियवादी बना देता है. 


सूर्य गुरु की युति जातक को धनी, शास्त्र का ज्ञाता, धर्मात्मा, चतुर और परोपकारी बनाता है. सूर्य के साथ शुक्र की युति जातक को बलवान, बुद्धिमान, स्त्री का प्रशंसक और प्रिय बना देता है. वहीं सूर्य-शनि की युति जातक को विद्वान, कुशल, धार्मिक, गुणी और बुद्धिमान बना देता है. 


वहीं चंद्र के साथ मंगल की युति व्यक्ति को धनी, प्रतापी, शिल्पज्ञ, व्यवसायी और धन इकट्ठा करनेवाला बनाता है. वहीं बुध के साथ उसकी युति जात को सुन्दर, धनी, गुणवान, वाकपटु और दयालु बनाता है. वहीं चंद्रमा के साथ गुरु की युति जातक को परोपकारी, धर्म प्रिय, विनम्र और शक्ति की भक्ति वाला बनाता है. चन्द्र और शुक्र की युति जातक को सुगंध प्रिय, कार्यकुशल, कलह करनेवाला और व्यसन प्रेमी होता है. वहीं चंद्र और शनि की युति जातक को पुरुषार्थ हीन, पर स्त्री से संसर्ग रखनेवाला, कम संतति वाला और आचार विहीन होता है. 


वहीं मंगल के साथ बुध की युति जातक को कुरूप, निर्धन बनाता है तो गुरु के साथ युति मेधावी और उच्चाधिकारी बनाता है. शुक्र के साथ युति लोगों को जुआरी, परस्त्रीगामी बनाता है. वहीं इसके साथ शनि की युति कलही, धन हीन, अपयश वाला, चोर होता है. 


बुध के साथ वहीं गुरु का गोचर जातक को सुखी, विनम्र, धैर्यवान्, गुणी, उदार बनाता है. वहीं शुक्र के साथ युति सुखी, प्रतापी, चतुर, सुन्दर, संगीतज्ञ बनाता है. इसके साथ ही शनि की युति कलह प्रिय, चंचल बनाता है. गुरु के साथ शुक्र की युति धन, पुत्र, मित्र से युक्त बनाता है. वहीं शनि के साथ युति यशस्वी, धनी बनाता है जबकि शुक्र के साथ शनि की युति जातक को शिल्प कुशल.