Moon Planet: ज्योतिष में चंद्रमा का महत्व जानते हैं आप? जानें क्यों होती है इसकी पूजा
ज्योतिष में जो नवग्रह बताए गए हैं उनमें से चंद्रमा को सबसे सौम्य और शांत ग्रह माना गया है. आपको बता दें कि यह जल तत्व का प्रतिनिधित्व करता है. ऐसे में चंद्रमा का शुभ या अशुभ दोनों असर जातकों के जीवन पर तेजी से पड़ते देखा जा सकता है.
Moon Planet: ज्योतिष में जो नवग्रह बताए गए हैं उनमें से चंद्रमा को सबसे सौम्य और शांत ग्रह माना गया है. आपको बता दें कि यह जल तत्व का प्रतिनिधित्व करता है. ऐसे में चंद्रमा का शुभ या अशुभ दोनों असर जातकों के जीवन पर तेजी से पड़ते देखा जा सकता है. क्योंकि मानव शरीर के तीन हिस्सा जल तत्व का है ऐसे में यह चंद्रमा से प्रभावित रहता है. बता दें कि चंद्रमा हमेशा मार्गी चलनेवाला ग्रह माना जाता है.
ऐसे में चंद्रमा की उपासना से व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि और शांति मिलती है. इसकी उपासना सभी कष्टों को हरनेवाली और धन का प्रसार करनेवाली होती है. चंद्रमा नवग्रहों में सबसे तेज गति से चलनेवाला ग्रह है. ऐसे में यह ढाई दिन में ही राशि परिवर्तन कर लेता है. चंद्रमा को भगवान ब्रह्मा का पोता बताया जाता है और उनकी शादी दक्ष प्रजापति की 27 कन्याओं से होने की वजह से ही 27 नक्षत्र भी बताए गए हैं. चंद्रमा इन्हीं 27 नक्षत्रों का एक पूरा चक्कर एक महीने में लगाते हैं.
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चंद्रमा को मन का कारक भी माना गया है. ऐसे में यह मन को शांत और शीतल भी रखता है. दोनों भौंहों के बीच मध्य मस्तक का हिस्सा चंद्रमा का स्थान है. यहां ही हम टीका लगाते हैं या महिलाएं बिंदी लगाती है. यह चंद्रमा को प्रसन्न करता है. इससे मन नियंत्रण में रहता है.
वहीं भगवान शिव के मस्तक पर जो अर्धचंद्र है वह आशा का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में लोग सौभाग्य की प्राप्ति के लिए पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए, धन-संपत्ति के लिए, पति की प्राण रक्षा और लंबी आयु के लिए और संकटों से बचने के लिए चंद्रमा की पूजा करते हैं. चंद्रमा को औषधियों का भी देवता माना गया है ऐसे में इनकी पूजा खास हो जाती है. महिला जब करवा चौथ पर यानी चतुर्थी के चंद्रमा को छलनी की आढ़ से देखती हैं तो यह उनके अक्षय यौवन, उत्तम स्वास्थ्य और दांपत्य जीवन को सुखद बनाता है.