Shani effect: ज्योतिष के अनुसार एक तरफ जहां नवग्रहों में से एक शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है तो वहीं दूसरी तरफ इसे क्रूर ग्रह की श्रेणी में भी रखा गया है. ऐसे में शनि के दुष्पर्भाव अगर आपकी कुंडली में दिख रहे हैं. जैसे शनि की ढैया या साढ़ेसाती चल रही है या फिर शनि की महादशा चल रही है या कुंडली में शनि नीच के हैं तो जातक के जीवन को नर्क बना देते हैं. ऐसे में कहा जाता है कि इन दशाओं के दौरान शनि व्यक्ति के जीवन में तमाम तरह की परेशानियां देते हैं और जो व्यक्ति अपने बेहतर आचरण और कर्मों से इस दौरान इससे बाहर निकल जाता है उसे शनि तराश कर हीरा बना देते हैं. 


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वैसे शनिदेव को लोहे की चीजें बेहद पसंद हैं. ऐसे में शनि देव के दुष्प्रभावों को दूर करने या शांत करने के लिए लोहे की अंगूठी या छल्ला छारण करने की सलाह दी जाती है. ऐसे में शास्त्रों की मानें तो शनि के दुष्प्रभावों को जीवन से दूर करने के लिए और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए आपको घोड़े की नाल का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है. यह शनि के प्रकोप को तो कम करता ही है बुरी आत्माओं से भी आपकी रक्षा करता है. 


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 घोड़े की नाल के छल्ले को हमेशा दाहिन हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करना चाहिए. वैसे घोड़े की नाल अगर काले घोड़े के पैर की हो तो अत्यंत शुभ है. इसे शनिवार को धारण किया जाए तो और भी शुभ होता है. वहीं इसे आग में तापकर तैयार करने से इसकी शक्ति चली जाती है. ऐसे में इस छल्ले को धारण करने के लिए शुभ दिन और समय का खास ख्याल रखना चाहिए. इसे शनिवार की शाम को धारण किया जाए तो बेहतर लाभ मिलेगा. वैसे इसे पुष्य, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद और रोहिणी नक्षत्र में धारण करना बेहद शुभ माना जाता है. 


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