पटनाः बेगूसराय सीट ने सीपीआई के लिए महागठबंधन में राह मुश्किल कर दी है. सीपीआई नेताओं ने बेगूसराय की सीट से कन्हैया के चुनाव लडने की घोषणा कर दी है. सीपीआई ने ये घोषणा महागठबंधन में शामिल होने से पहले कर दिया है. लेकिन अब आरजेडी के प्रदेश उपाध्यक्ष तनवीर हसन ने बेगुसराय की सीट पर दावा ठोंक कर सीपीआई की लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं.


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बेगूसराय की सीट पर दावेदारी को लेकर एनडीए के विरोधी दलों में घमासान मचा हुआ है. आलम यह है कि एक सीट को लेकर सीपीआई के महागठबंधन में शामिल होने का रास्ता बंद होता नजर आ रहा है. दरअसल सीपीआई ने बेगूसराय सीट पर दावा ठोंक दिया है. सीपीआई की ओर से कन्हैया बेगूसराय सीट पर चुनाव लडेंगे और पार्टी ने इसकी तैयारी भी शुरु कर दी है.


लेकिन बेगूसराय सीट और भी दिलचस्प इसलिए भी हो गया है क्योंकि सीपीआई अभी महागठबंधन में शामिल नहीं हुई है. महागठबंधन में शामिल होने से पहले ही सीपीआई के दावे ने महागठबंधन के घटक दलों की मुसीबत बढ़ा दी है. पेंच तब और भी फंस गया जब आरजेडी ने भी बेगूसराय सीट से दावा ठोक दिया है. 


पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष तनवीर हसन ने बेगुसराय सीट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. तनवीर हसन ने कहा है कि अगर पार्टी उन्हें टिकट देगी तो वो चुनाव जरुर लडेंगे. वहीं, तनवीर हसन ने सीपीआई की ओर से कन्हैया को बेगूसराय की सीट पर चुनाव लड़ाने के दावे पर जमकर भडास निकाली है.


तनवीर हसन ने कहा है कि सीपीआई अभी महागठबंधन का हिस्सा नहीं है. इसलिए महागठबंधन में शामिल होने से पहले इस तरह का दावा गलत है. तनवीर हसन ने यह भी कहा है कि कन्हैया कहां से चुनाव लड़ते हैं यह उनकी पार्टी और उनका मामला है.


सीपीआई के शर्तों को लेकर आरजेडी के दूसरे सीनियर लीडर भी नाराज नजर आ रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे सीपीआई के महागठबंधन में शामिल होने से जुड़े सवालों पर बचते नजर आए. हालांकि पूर्वे ने इतना जरुर कहा है कि इस मामले पर पार्टी के शीर्ष नेता फैसला लेंगे.