श्री उग्रतारा मंदिर, महिषी, सहरसा, महिषी गांव में सहरसा स्टेशन से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम में स्थित है. हर साल बिहार के अलावा अन्य राज्य से भी लोग यहां आते हैं.
इस प्राचीन मंदिर में भगवती तारा की मूर्ति बहुत पुरानी बताई जाती है और दूर-दूर से भक्तों को आकर्षित करती है.
इस प्राचीन मंदिर में भगवती तारा की मूर्ति बहुत पुरानी बताई जाती है और दूर-दूर से भक्तों को आकर्षित करती है.
मुख्य देवता के दोनों ओर, दो छोटी महिला देवता हैं जिनकी लोग एकजटा और नील सरस्वती के रूप में पूजा करते हैं.
यह मंदिर तांत्रिक पंथ से जुड़ा है जहां देश भर से दूर-दूर से संत और अन्य भक्त दस दिवसीय शारदीय नवरात्र के दौरान तपस्या के लिए इकट्ठा होते हैं.
श्री उग्रतारा मंदिर, महिषी, सहरसा, महिषी गांव में वैसे तो पूरे साल देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु यहां आते हैं. दर्शन करते हैं और पूजा करते हैं.
मंदिर का मुख्य आकर्षण सितंबर-अक्टूबर में दशहरा होता है, जिसके दौरान एक लाख से अधिक लोग देवी की पूजा करने के लिए यहां आते हैं.
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