सहरसा: राज्य सरकार एक तरफ जहां शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ करने का बड़े-बड़े दावा कर रही, तो वहीं दूसरी ओर सहरसा जिले का राजकीय कन्या उच्च विद्यालय इन दिनों जिला प्रशासन और नगर निगम के उदासीनता का दंश झेल रहा है. आलम यह है कि शहर का सबसे बड़ा स्कूल इन दिनों गंदे नाले के पानी के बीच चल रहा है, जिससे यहां पढ़ने वाली छात्राओं और शिक्षकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.


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नगर निगम की लापरवाही से स्कूल कैंपस की चारों तरफ शहर के गंदे नाले का पानी डंप किया जाता है. जिससे स्कूल परिसर में दुर्गंध युक्त वातावरण बना हुआ. गंदे नाले के पानी की वजह से मच्छरों प्रकोप बढ़ गया है और यहां पढ़ने वाली छात्राओं और शिक्षकों को कई तरह के संक्रमण का भी डर सता रहा है. इतना ही नहीं स्कूल के आस पास अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाली कई दुकानें सजा रखी है. इन अतिक्रमण करने वालों के द्वारा स्कूल कैंपस के बाउंड्री से ईंट निकालकर दुकान में इस्तेमाल किया जा रहा है. स्कूल प्रशासन का कहना है कि पिछले कई महीनों से स्कूल कैंपस में गंदे नाले का पानी छोड़ा जा रहा है जिससे यहां पढ़ने वाली छात्राओं और शिक्षकों को दुर्गंधयुक्त वातावरण में पढ़ना मजबूरी बन गई है. वहीं गंदगी की वजह से कई तरह के संक्रमण का भी खतरा बना रहता है, इसको लेकर कई बार जिले के डीएम और नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.


वहीं स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं का कहना है कि गंदे नाले के पानी के कारण क्लास रूम में बदबू फैलता है. मच्छरों के साथ साथ बीमारियों का भी डर सताता है. स्कूल के आस पास अवैध रूप से कई दुकानें खोल दिया गया जिससे वहां असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता और स्कूल आने जाने वाली छात्राओं पर फब्तियां कसी जाती है. इन सब समस्याओं को देखने वाला कोई नही है.


इनपुट- विशाल कुमार


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