‘चिल्हमरवा हत्याकांड’ में माले के दो विधायक दोषमुक्त करार, हत्या-फायरिंग का था आरोप, 2 की हुई थी मौत
Bihar News: सीवान के चर्चित चिल्हमरवा कांड मामले में एडीजे एमपी एमएलए कोर्ट ने जीरादेई से माले विधायक अमरजीत कुशवाहा और दरौली विधायक सत्यदेव राम को दोषमुक्त बताया है.
सीवान: सीवान के चर्चित चिल्हमरवा कांड मामले में 11 साल बाद आज एडीजे एमपी एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सिवान के जीरादेई से माले विधायक अमरजीत कुशवाहा और दरौली विधायक सत्यदेव राम समेत 9 लोगों को आज इस केस में दोषमुक्त करार किया है. जिसको लेकर माले समर्थकों में खुशी की लहर देखी जा रही है. 11 साल पूर्व गुठनी थाना क्षेत्र के चिल्हमरवा में जमीनी विवाद में दो पक्षों में जमकर गोलीबारी और बमबाजी हुई थी. जिसमें राजू सिंह उर्फ राज नारायण सिंह और मुकेश सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में माले नेता सह वर्तमान जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा और दरौली के विधायक सत्यदेव राम सहित 10 नामजद और 15 अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. जिसमें कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आज जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा और दरौली विधायक सत्यदेव राम समेत 9 लोगों को इस केस में दोष मुक्त करार किया है.
गौरतलब है कि यह कांड 11 साल पूर्व यानी 2013 में गुठनी थाना क्षेत्र के चिल्हमरवा गांव के गैरमजरूआ भूमि पर हुआ था. चिल्हमरवा गांव निवासी संतोष तिवारी ने कथित तौर अपनी जमीन को गांव के ही लोगों से बेचना शुरू किया. तब भाकपा माले समर्थित कुछ लोगों ने उस जमीन को गैरमजरुआ करार देते हुए संतोष तिवारी को कब्जाने से रोक दिया. इसी बीच माले समर्थकों ने उस जमीन पर झोपड़ी डाल कर कब्जा कर लिया. गांव के कुछ लोगों का कहना था हम झोपड़ी को जबरन हटाएंगे और भाकपा माले समर्थकों का कहना था जिला प्रशासन के अनुसार जमीन गैरमजरूआ है और झोपड़ी को हटाने का अधिकार प्रशासन को ही है.
माले समर्थकों का कहना था कि जिला प्रशासन हटा दे हमें आपत्ति नहीं है. लेकिन जबरन दूसरा पक्ष हटाएगा तो हम विरोध करेंगे. प्रशासन अभी जिला पदाधिकारी के आदेश का प्रतीक्षा कर रहा था कि उसी बीच गांव के लोग झोपड़ी उजाड़ने लगे जिसपर भाकपा माले समर्थक विरोध पर उतर आए और दोनों पक्ष से गोलीबारी शुरू हो गयी. पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में भूमि विवाद को लेकर दोनों पक्षों में भीषण गोलीबारी हो गयी थी. जिसमें सोहगरा निवासी मुकेश सिंह तथा बेलौर पंचायत के तत्कालीन मुखिया अमर सिंह के पुत्र राजू सिंह की गोली लगने से मौत हो गयी थी. इसी मामले में आज एमपी एमएलए कोर्ट के द्वारा फैसला सुनाया गया है.
इनपुट- अमित सिंह