बुधवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Modi) ने कप्तान नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के लिए बैटिंग की और स्पष्ट किया कि 2020 के चुनावी मैच में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही कैप्टन रहेंगे.
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पटना: बिहार (Bihar) की राजनीति में चेहरे की राजनीति (politics) शुरू है. बीजेपी (BJP) में भी दो तरह के बयान आ रहे हैं. लेकिन, बुधवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Modi) ने कप्तान नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के लिए बैटिंग की और स्पष्ट किया कि 2020 के चुनावी मैच में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही कैप्टन रहेंगे. सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट (Tweet) करते हुए लिखा कि जब एनडीए के कैप्टन नीतीश कुमार अगले विधानसभा में भी एनडीए (NDA) के कैप्टन बने रहेंगे. उन्होंने आगे लिखा है कि जब कैप्टन चौका -छक्का लगा रहा है और विपक्षी टीम धराशायी हो रही है तो कैप्टन बदलने का सवाल कहां उठता है?
सुशील कुमार मोदी (Sushil Modi) का ट्वीट इस मायने में महत्वपूर्ण है कि इससे पहले बीजेपी (BJP) के एमएलसी (MLC) और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान (Sanjay Paswan) स्पष्ट कह चुके हैं कि बिहार (Bihar) में बीजेपी के नेतृत्व में चुनाव होना चाहिए और मुख्यमंत्री (CM) भी बीजेपी के कोटे से होना चाहिए. इतना भर ही नहीं उन्होंने ये भी जोड़ दिया कि बीजेपी के महत्वपूर्ण मुद्दे जिसे जनता का शानदार समर्थन मिल रहा है उसका भी जेडीयू विरोध कर रही है और यह नहीं चलेगा. संजय पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को केंद्र की राजनीति में जाकर बिहार में बीजेपी (BJP) के लिए जगह खाली करने की सलाह भी दे डाली.
संजय पासवान अकेले नेता नहीं हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डॉ सीपी ठाकुर (CP Thakur) भी जेडीयू बीजेपी के मुद्दे पर कई बयान दे चुके हैं और पार्टी के प्रवक्ता का रुख भी कुछ इसी तरह का देखा जा रहा है. लेकिन, इस बीच सुशील मोदी (Sushil Modi) का ट्वीट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के पक्ष में आने से पार्टी के अंदर कार्यकर्ताओं में कयासबाजी तेज रही और स्थिति का आकलन करने में कार्यकर्ता लगे रहे.
@NitishKumar is the Captain of NDA in Bihar & will remain its Captain in next assembly elections in 2020 also.When Captain is hitting 4 & 6 & defeating rivals by inning where is the Q of any change.
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 11, 2019
दरअसल 2020 में बिहार विधानसभा का चुनाव (Bihar Assembly Election) है और इसको लेकर सीटों का बंटवारा एक अहम मुद्दा है. अब तक जेडीयू (JDU) ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ती आई है और बीजेपी (BJP) बिहार में छोटे भाई की भूमिका में रहा है. लेकिन, 2019 के चुनाव में बीजेपी ने बड़ा दिल दिखाते हुए 2 सांसदों वाले जेडीयू को 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सहमत हो गई और खुद भी 17 सीटों पर चुनाव लड़ी. ऐसा करने के लिए बीजेपी ने अपने पांच जीते हुए संसदीय सीटों का त्याग किया. अब विधानसभा में बीजेपी भी बराबरी का हिस्सा चाहती है और इसके लिए पार्टी ने अभी से दबाव बनाना शुरू कर दिया है. लेकिन इसकी शुरुआत जेडीयू ने पोस्टर की राजनीति से शुरू की.
जेडीयू कार्यालय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के चेहरे वाला पोस्टर लगा कर यह स्पष्ट कर दिया कि जब नीतीश कुमार हैं तो किसी को कुछ विचार करने की जरुरत नहीं है. इसके बाद ही बीजेपी मुखर हो गई. कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा हुआ है. ऐसे में बीजेपी किसी हाल में छोटा भाई बनकर नहीं रहना चाहती. और यही वजह है कि जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बयानबाजी शुरू हो गयी. लेकिन सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बैटिंग कर स्थिति को सहज करने की कोशिश की.
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हालांकि इस ट्वीट (tweet) को लेकर भी कई तरह के बयान आ रहे हैं. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथलेश तिवारी ने कहा कि कई तरह के बयान आ रहे हैं लेकिन भूपेंद्र यादव, अमित शाह या प्रदेश अध्यक्ष नित्यानन्द राय कुछ बयान देते हैं उसकी अहमियत है और ऐसे लोकतंत्र में अपनी राय रखना भी गलत नहीं है. खास बात यह है कि जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर दिए गए बयान के बाद भी पार्टी की ओर से कोई स्पष्टीकरण उन नेताओं से नहीं पूछा गया जो गठबंधन धर्म से आगे जाकर खुलेआम बयान दे रहे हैं.