मंच पर मौजूद थे तेजस्वी, लेकिन बोले तेजप्रताप- मैं हूं दूसरा लालू, सब मेरे पीछे
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मंच पर मौजूद थे तेजस्वी, लेकिन बोले तेजप्रताप- मैं हूं दूसरा लालू, सब मेरे पीछे

तेजप्रताप यादव ने इसी दौरान कहा कि सभी लोग परिवार को खंड-खंड करने की साजिश कर रहे हैं, लेकिन हम उस साजिश को सफल नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि मैं किसी से नहीं डरता. सिर्फ लालू यादव से डरता हूं और पार्टी के अध्यक्ष जगदानंद सिंह से. क्योंकि वह बहुत अनुशासन रखते हैं.

बेरोजगारी यात्रा के दौरान तेजप्रताप यादव ने कहा- मैं हूं दूसरा लालू, इसलिए सब पड़े हैं मेरे पीछे.

पटना: बिहार के लिए यह चुनावी साल है. सभी राजनीतिक दल अपने हिसाब से तैयारियों में जुटे हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पटना के वेटनरी कॉलेज से बेरोजगारी हटाओ यात्रा की शुरुआत की है. इस दौरान तेजप्रताप यादव ने एक ऐसी बात कह दी जिसके बाद एक बार फिर से लालू यादव का सियासी वारिस कौन का सवाल उठ सकता है. 

दरअसल, मौका था तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बेरोजगारी हटाओ यात्रा का. इस दौरान पटना के वेटनरी कॉलेज में लालू प्रसाद यादव के दोनो बेटे तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव पहुंचे हुए थे. तेजप्रताप यादव मंच पर भाषण देने आते हैं. भाषण के दौरान तेजस्वी से पूछ कर शंख बजा कर इस यात्रा की शुरुआत करते हैं.

तेजप्रताप यादव ने इसी दौरान कहा कि सभी लोग परिवार को खंड-खंड करने की साजिश कर रहे हैं, लेकिन हम उस साजिश को सफल नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि मैं किसी से नहीं डरता. सिर्फ लालू यादव से डरता हूं और पार्टी के अध्यक्ष जगदानंद सिंह से. क्योंकि वह बहुत अनुशासन रखते हैं.

भाषण के दौरान ही तेजप्रताप यादव ने कहा कि सभी मेरे पीछे हैं. क्योंकि दूसरा लालू हम ही हैं. इसलिए लोग में मेरे पीछे पड़े हैं. हालांकि, तेजस्वी को बुरा न लगे, इसलिए उन्होंने तुरंत संभालते हुए तेजस्वी को भी दूसरा लालू बताया. लेकिन यह तो साफ है कि लालू की छवि के बाद अगर कोई दूसरा होता है तो गुंजाइश फिर तीसरे की बच कहां जाती है. 

तेजप्रताप यादव ने कहा कि सरकार ने बोला कि रथ नहीं निकलेगा. हम कृष्ण भगवान के वंशज हैं, जेल से नहीं डरते. कोई माई का लाल है तो रथ को रोक कर दिखाए. शंख बजाते हुए उन्होंने कहा कि शंख बज चुका है. सभी भूत-पिशाच भाग जाएंगे. 

बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाला है. पिछली बार लोकसभा चुनाव में लालू परिवार की कलह के वजह से आरजेडी को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. ऐसे में एक बार फिर से लालू का असली वारिस कौन, इस बात पर विवाद उठा तो आरजेडी को बैकफुट पर जाने से कोई नहीं बचा सकता है.