नई दिल्लीः आरजेडी के नेता एवं बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस भाजपा के खिलाफ विपक्ष की लड़ाई की अगुवाई करने के लिहाज से सबसे बेहतर स्थिति में है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस को 'बड़ा दिल' दिखाते हुए नेतृत्व की भूमिका निभानी होगी और क्षेत्रीय पार्टियों से भी तालमेल बिठाना होगा.


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तेजस्वी ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच हुए गठबंधन को सराहते हुए कहा कि गठबंधन के बाद अखिलेश यादव और मायावती के साथ हुई उनकी 'शिष्टाचार भेंट' को कांग्रेस पर 'दबाव बनाने का तरीका' नहीं समझना चाहिए. 


तेजस्वी यादव ने कहा कि भारत की सबसे पुरानी और मौजूदा समय में पूरे भारत में मौजूदगी के मामले में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस विपक्षी पार्टियों में अधिकतम सीटें जीतने के लिहाज से बहुत मजबूत स्थिति में है.


आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रस्तावित महागठबंधन में जिन पार्टियों के शामिल होने की संभावना है, उनमें कांग्रेस को 2014 के लोकसभा चुनावों में महज 44 सीटें मिली थी जबकि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस को 34, अखिलेश यादव की अगुवाई वाली पार्टी को पांच और आरजेडी को चार सीटें मिली थीं.


तेजस्वी ने कहा, 'यदि गठबंधन बनाने में कांग्रेस अहम भूमिका निभाती है या चुनावों में गठबंधन के नेतृत्व की भूमिका संभालती है तो मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगता. लेकिन उन्हें यह भी स्वीकार करना होगा कि हर राज्य की जमीनी सच्चाइयां अलग-अलग हैं.'


आरजेडी नेता ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्वीकार्यकर्ता और विपक्ष में व्यापक मौजूदगी वाली पार्टी है, ऐसे में कांग्रेस भाजपा या एनडीए के खिलाफ विपक्ष की लड़ाई की अगुवाई करने के लिहाज से सबसे बेहतर स्थिति में है. उन्होंने कहा, 'बहरहाल, कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाकर नेतृत्व की भूमिका निभानी होगी और क्षेत्रीय पार्टियों के एजेंडा के साथ तालमेल बिठाकर सक्रिय भूमिका निभानी होगी.'


तेजस्वी ने कहा, 'जिन राज्यों में कांग्रेस का ठोस आधार नहीं है, वहां उसे क्षेत्रीय पार्टियों को भाजपा के खिलाफ आगे रहकर मोर्चा संभालने देना होगा.' उन्होंने कहा कि वोट ट्रांसफर करने के मामले में क्षेत्रीय पार्टियों की काबिलियत ज्यादा है. 


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के 29 वर्षीय बेटे तेजस्वी ने कहा कि पूरा ध्यान जीतने की काबिलियत पर होगा और ऐसे में गठबंधन को राज्यवार एवं सीटवार फैसले करने होंगे. उन्होंने कहा कि विजयी गठबंधन बनाने के लिए किसी खास राज्य के हालात को देखते हुए हर पार्टी को दूसरी पार्टी के साथ समझौता करना होगा या उसे जगह देना होगा. 


तेजस्वी से सवाल किया गया था कि विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने के लिए क्या कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों को ज्यादा सीटें देनी होंगी. 


यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस को सपा-बसपा गठबंधन से बाहर रखे जाने का असर राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले गठबंधन पर पड़ेगा, इस पर तेजस्वी ने कहा कि भारत के लोगों का मानना है कि उन्हें 'बुरी तरह ठगा' गया है और उन्होंने अपनी भलाई के लिए 'दुष्प्रचारियों' से छुटकारा पाने का मन बना लिया है. 


उन्होंने कहा कि लोग काफी अच्छी तरह समझते हैं कि भाजपा को हराने के लिए कौन से खेमे पर दांव लगाना सबसे अच्छा रहेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या सपा और बसपा बिहार में महागठबंधन का हिस्सा होंगी, इस पर आरजेडी नेता ने कहा कि सैद्धांतिक तौर पर हर विपक्षी पार्टी भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन के खिलाफ एकजुट है.