सिमरन का संघर्ष: समय से पहले हुआ जन्म, फिर पिता को खो दिया, अब ब्रॉन्ज जीतकर पेरिस में लहराया तिरंगा
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सिमरन का संघर्ष: समय से पहले हुआ जन्म, फिर पिता को खो दिया, अब ब्रॉन्ज जीतकर पेरिस में लहराया तिरंगा

Paris Paralympics 2024: भारत को पेरिस पैरालंपिक में सिमरन शर्मा ने ब्रॉन्ज मेडल दिलाया. उन्होंने सभी बाधाओं को पार करते हुए महिलाओं की 200 मीटर टी12 फाइनल में ब्रॉन्ज अपने नाम किया. मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन सिमरन 24.75 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ पोडियम पर तीसरे स्थान पर रही.

सिमरन का संघर्ष: समय से पहले हुआ जन्म, फिर पिता को खो दिया, अब ब्रॉन्ज जीतकर पेरिस में लहराया तिरंगा

Paris Paralympics 2024: भारत को पेरिस पैरालंपिक में सिमरन शर्मा ने ब्रॉन्ज मेडल दिलाया. उन्होंने सभी बाधाओं को पार करते हुए महिलाओं की 200 मीटर टी12 फाइनल में ब्रॉन्ज अपने नाम किया. मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन सिमरन 24.75 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ पोडियम पर तीसरे स्थान पर रही. भारत को पेरिस पैरालंपिक मैच में 13वां ब्रॉन्ज मिला है. क्यूबा की ओमारा डूरंड एलियास ने 23.62 सेकंड के साथ गोल्ड मेडल जीता. वेनेजुएला की एलेजांद्रा पेरेज लोपेज ने 24.19 सेकंड के साथ सिल्वर अपने नाम किया.

समय से पहले हुआ था सिमरन का जन्म

पैरालंपिक में टी12 वर्गीकरण दृष्टिबाधित एथलीटों के लिए है. चौबीस वर्षीय सिमरन का जन्म समय से पहले हुआ था. उन्होंने 10 सप्ताह इनक्यूबेटर में बिताए जहां पता चला कि वह दृष्टिबाधित हैं. इस साल जापान के कोबे में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली भारतीय को अपने पूरे जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके पिता की पुरानी बीमारी और अंततः निधन भी शामिल था. वह इससे पहले 100 मीटर स्पर्धा में चौथे स्थान पर रही थीं.

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सिमरन ने आखिरी क्षणों में लगाया दम

ओमारा और लोपेज में जहां शीर्ष स्थान के लिए मुकाबला हो रहा था वहीं सिमरन को तीसरे स्थान के लिए ईरान की हजर सफरजादेह से कड़ी टक्कर मिला. सफरजादेह ने रेस में अच्छी शुरुआत की थी लेकिन सिमरन ने आखिरी क्षणों में पूरा दमखम लगाते हुए तीसरा स्थान हासिल किया.  सफरजादेह 24.91 सेकंड के साथ चौथे स्थान पर रही. सिमरन ने इससे पहले शुक्रवार को 25.03 सेकेंड के समय के साथ स्पर्धा के फाइनल में अपनी जगह बनाई, इससे पहले वह 25.41 सेकंड के समय के साथ अपनी हीट में शीर्ष पर रहते हुए सेमीफाइनल में पहुंची थी.

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पति से दिल्ली में लेती हैं ट्रेनिंग

सिमरन अपने पति गजेंद्र सिंह से दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में प्रशिक्षण लेती है. गजेंद्र आर्मी सर्विस कोर के लिए काम करते हैं. उन्हें सफलता 2019 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मिली जहां उन्होंने अपने पिता को खोने के डर के बावजूद प्रतिस्पर्धा की. प्रतियोगिता से लौटने के तुरंत बाद उसने अपने पिता को खो दिया. सिमरन ने हालांकि दृढ़ संकल्प के साथ अपने दुख को प्रेरणा में बदल कर कई शानदार उपलब्धिां हासिल की.

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सिमरन को लगातार मिल रही सफलता

सिमरन 2022 से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है. उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर स्पर्धाओं में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप और इंडियन ओपन में सफलता का स्वाद चखा है. इसके अलावा उन्होंने पिछले साल एशियाई पैरा खेलों में दो सिल्वर मेडल भी जीते और पिछले दिसंबर में खेलो इंडिया पैरा गेम्स के शुरुआती सत्र में वह 100 मीटर, 200 मीटर और लंबी कूद की चैम्पियन बनी. सिमरन को उनकी निरंतरता की बदौलत सरकार की टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) में शामिल किया गया.

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