पटना: महागठबंधन में सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है. दरअसल 19 दिसंबर को लेफ्ट और 21 दिसंबर को आरजेडी के बंद को लेकर महागठबंधन की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई जिसमें आरजेडी ने हिस्सा नहीं लिया.


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आरजेडी के महागठबंधन के प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं आने पर वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी ने कहा है कि प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन आरजेडी की तरफ से किया गया था लेकिन उसे बिना कारण बताए कैंसिल कर दिया गया.
महागठबंधन को प्रेस कॉन्फ्रेंस करना था तो उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी, अखलेश सिंह और मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को किया. हम लोगों ने आरजेडी को बुलाना उचित नहीं समझा और नहीं बुलाया. 


उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र की सरकार पर निशाना साधा. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्र की सरकार के द्वारा नागरिकता संसोधन बिल लाए जाने के बाद देश मे बवाल हो रहा है. यह देश को तोड़ने वाला और भेदभाव करने वाला कानून है. देश की आम जनता को एनआरसी और इस कानून के बाद अपमान सहना पड़ेगा. बीजेपी और एनडीए के द्वारा लाया गया कानून ठीक नहीं है.


साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर कहा गया कि 19 को लेफ्ट का आरजेडी की तरफ से 21 को बिहार बंद का आह्वान किया गया है. साथ ही ये भी कहा गया कि एक ही दिन की अंतराल पर बिहार बंद ठीक नहीं है. महागठबंधन दोनों दिन बंद का समर्थन करेगी.


प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीतन राम मांझी ने कहा है कि सीएएम और एनआरसी को लेकर देश के हालात ठीक नहीं है और सभी भयभीत हैं. केंद्र सरकार द्वारा अघोषित इमरजेंसी लागू कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि दिल्ली के जामिया में पुलिस के तांडव देखने को मिला है. पीएम मोदी का एजेंडा साफ है कि हिंदुस्तान भी हिन्दू राष्ट्र हो जाए. 


महागठबंधन में बिहार बंद को लेकर कलह सामने आ गई है. लेफ्ट और आरजेडी ने बिहार बंद अलग-अलग दिन बुलाया है जिसके बाद ये बात साफ हो गई है कि महागठबंधन में कहीं ना कहीं मतभेद है और आपस में राय नहीं बन पा रही है.