वही, शिक्षा क्षेत्र में बेहतरी के लिए काम और कृषि कानून (Farmers Law) के मद्देनजर एमएसपी (MSP) में बदलाव भी एक बड़ा फैसला है.
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Patna: बिहार के डिप्टी सीएम (Deputy CM) तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) ने बजट 2021-22 (Union Budget 2021-22) को आम जनों का बजट बताया है. उन्होंने कहा कि इस वित्त विभाग में भी संतुलित बजट बनाया गया है जिसकी तारीफ करनी चाहिए. कोविड-19 (Covid-19) की वजह से जिस तरीके से वित्त मंत्रालय पर बोझ पड़ा उसके बाद भी टैक्स के ऊपर किसी तरीके का दबाव नहीं देना यह काबिले तारीफ बजट है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी राशि का आवंटन कोविड-19 (Covid-19) के दौरान ज्यादा इन्वेस्टमेंट (Investment) और उसके साथ मोबाइल हॉस्पिटल (Mobile Hospital) स्वागत योग्य फैसला है. साथ ही सैनिक स्कूल बनाना और इसके साथ एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Central university) बनाने का फैसला भी सरकार ने लिया है, जो बेहतर कदम है.
वही, शिक्षा क्षेत्र में बेहतरी के लिए काम और कृषि कानून (Farmers Law) के मद्देनजर एमएसपी (MSP) में बदलाव भी एक बड़ा फैसला है.
बहरहाल, बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के जवाब में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि हम यहां पर आए हैं अपने नेताओं से मुलाकात करने के लिए. चर्चा करने के लिए. मंत्रिमंडल का गठन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Nitish Kumar) का विशेषाधिकार है. इस पर फैसला वही करेंगे.
हालांकि, बजट को लेकर कांग्रेस नेता की प्रतिक्रिया कुछ अलग ही है. बजट पर प्रेमचंद्र मिश्रा (Premchand Mishra) ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से पोलिटिकल रहा. जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, वहीं सरकार ने पैसे दिए. बिहार को कुछ नहीं मिला. वही, रोजगार सृजन को लेकर बजट में कोई बात नही रखी गई है.
बजट को लेकर NDA के सहयोगी दल के नेता भी खुश नहीं दिखे. HAM प्रमुख जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) ने कहा कि बजट में निजीकरण से पहले प्राइवेट सेक्टर (Private Sector) में आरक्षण का कानून बनाना चाहिए था. ऐसे बजट (Budget) से आरक्षित वर्ग के लोगों में सरकार के प्रति अंसतोष बढ़ने की संभावना है.