बिहार के सरकारी स्कूलों के हेडमास्टरों को शिक्षा विभाग ने एक नया टास्क दिया है. इसके बाद से प्रधानाध्यापक कार्य को पूरा करने में जुट गये हैं. राज्य सरकार ने पहले कहा था कि मिड-डे मिल की खाली बोरी 10 रुपये में बेचनी है. लेकिन अब सरकार को लग रहा है कि बोरी की कीमत बढ़ गयी है. इसलिए प्रधानाध्यापक को एक बोरी 20 रुपये में बेचने का निर्देश दिया गया है. बोरा सिर्फ बेचना ही नहीं है बल्कि सरकारी खाते में जमा भी कराना है. प्रधानाध्यापक पैसा जिला को भेजेंगे और फिर सारा पैसा जिला स्तर पर सरकारी खजाने में जमा कर दिया जायेगा. सीवान के हकाम गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक संजय सिंह ने बेहतर काम किया है. हेडमास्टर निर्धारित समय पर मिड-डे मिल की खाली बोरियों को इकट्ठा कर बेचते रहे हैं और अब 20 रुपये की दर से बेचने के आदेश के बाद एक बार फिर हेडमास्टर बोरियों को इकट्ठा कर बेचने की तैयारी में लग गए हैं.