पटना | सुप्रीम कोर्ट ने तांती-ततवां जाति को अनुसूचित जाति (एससी) की सूची से बाहर करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एससी की हैसियत से नौकरी पाने वाले तांती-ततवां जाति के लोगों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. हालांकि, राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि ऐसे सभी सरकारी सेवकों को उनकी पूर्व की आरक्षण सूची यानी अति पिछड़ी जाति (ओबीसी) के कोटे में समाहित किया जाए. इस प्रक्रिया से जो रिक्तियां उत्पन्न होंगी, उन्हें अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों से भरा जाएगा. इस फैसले पर बिहार के विभिन्न राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कुछ दलों ने इसे तांती-ततवां जाति के साथ अन्याय करार दिया है, जबकि अन्य ने कोर्ट के फैसले का समर्थन किया है और इसे आरक्षण व्यवस्था के सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है.