वाल्मीकिनगर के पिपराकुट्टी मोड़ पर इंडो-नेपाल सीमा के पास एक दुर्लभ कछुआ मिला, जिसका वैज्ञानिक नाम निलसोनिया हरम या गंगेटिक है. यह कछुआ आमतौर पर भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में पाया जाता है, लेकिन विलुप्त होने की कगार पर है. अनुमान है कि नेपाल से आई बाढ़ के कारण यह कछुआ गंडक नदी के बहाव में बहकर वाल्मीकिनगर पहुंचा. इस कछुए का वजन लगभग 30 किलो था, और इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. WTI रेस्क्यू टीम ने इसे सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ दिया. वन्य जीव विशेषज्ञ बी डी संजू के अनुसार, यह क्षेत्र अब दुर्लभ जलीय जीवों के लिए अनुकूल साबित हो रहा है.