दो महीने से हड़ताल पर हैं पारा शिक्षक, ग्रामीणों ने संभाली स्कूल में बच्चों की पढ़ाई का जिम्मेदारी
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दो महीने से हड़ताल पर हैं पारा शिक्षक, ग्रामीणों ने संभाली स्कूल में बच्चों की पढ़ाई का जिम्मेदारी

कुछ कर गुजरने की तम्मना हो तो हर मुश्किल आसान लगने लगती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है लातेहार जिला के कुछ ग्रामीणों ने.

लातेहार में स्कूली बच्चों को पढ़ा रहे हैं स्थानीय लोग.

लातेहार : कुछ कर गुजरने की तम्मना हो तो हर मुश्किल आसान लगने लगती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है लातेहार जिला के कुछ ग्रामीणों ने. बीते दो महीने से सभी स्कूल के पारा शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के बाद स्कूल में पढ़ाई ठप है. इसे देख ग्रामीणों ने खुद स्कूल में बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा अपने कंधो पर उठाया है और श्रमदान कर स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

यह हाल है लातेहार जिला के अति नक्सल प्रभावित सदर प्रखंड के सोतम गांव की है. यहां की आबादी लगभग पांच हजार के है. यहां के लोगों का मुख्य पेशा खेती पर आधारित है. ऐसे में इस गांव के लोगों के बच्चों की पढ़ाई के लिए राजकीय कृत मध्य स्कूल खोला गया था. साथ ही इस स्कूल में बच्चों की संख्या 225 है और इस स्कूल में पारा शिक्षक के हड़ताल पर चले जाने के कारण स्कूल की पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गया था.

स्कूल में बच्चों की वार्षिक परीक्षा भी नजदीक है. ऐसे में स्कूल में बच्चे पढ़ेंगे नहीं तो परीक्षा कैसे देंगे यह एक बड़ा सवाल था. स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, पारा शिक्षक के हड़ताल पर चले जाने के बाद स्कूल में पढ़ाई पूरी तरह बंद हो चूकी थी. बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए ग्रामीणों ने गांव में ही बैठक कर गांव लड़कों को स्कूल में पढ़ाने की बात पर सहमति बनाई. गांव के ही तीन लड़के स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

गौरतलब है की यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित है और नक्सलियों के प्रभाव के कारण गांव के बच्चे स्कूल की शिक्षा से कोसो दूर थे. ऐसे में प्रधानाचार्य जानकी सिंह ने ग्रामीणों की इस पहल की काफी सराहना की है. इससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे पढ़ रहे हैं. उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो रही है.