झारखंड: HC के न्यायाधीश पहुंचे साहिबगंज तो ग्रामीणों ने रोका रास्ता, जानिए क्यों
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झारखंड: HC के न्यायाधीश पहुंचे साहिबगंज तो ग्रामीणों ने रोका रास्ता, जानिए क्यों

पार्क जाने के रास्ते में पहाड़ियां ग्रामीणों ने फांसी लगाकर राष्ट्रीय को जाम रखने के लिए क्या नहीं कर दिया जिसके बाद पुलिस पदाधिकारियों एवं वन प्रमंडल के पदाधिकारियों के बीच बेचैनी सी छा गई. 

झारखंड: HC के न्यायाधीश पहुंचे साहिबगंज तो ग्रामीणों ने रोका रास्ता, जानिए क्यों

साहिबगंज: झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रोगन मुखोपाध्याय अपनी निजी कार्यक्रम के तहत साहिबगंज के कई ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करने के लिए पूरे परिवार के साथ रविवार को साहिबगंज पहुंचे. जहां न्यायिक पदाधिकारी से लेकर पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों ने न्यायाधीश को फूलों के गुलदस्ते से स्वागत किया. लेकिन मामला उस वक्त गड़बड़ा गया जब न्यायधीश के परिवार विश्व के अनमोल धरोहर मंडरो फॉसिल्स पार्क का भ्रमण करने मंडरो पहुंचा.

पार्क जाने के रास्ते में पहाड़ियां ग्रामीणों ने फांसी लगाकर राष्ट्रीय को जाम रखने के लिए क्या नहीं कर दिया जिसके बाद पुलिस पदाधिकारियों एवं वन प्रमंडल के पदाधिकारियों के बीच बेचैनी सी छा गई. काफी समझाने के बाद भी पहाड़िया ग्रामीण अपनी बात रखने के बिना रास्ता जाम हटाने से मना कर दिया. 

 

पहाड़िया ग्रामीणों का मांग थी कि इस फॉसिल्स पार्क के नाम पर पिछले 15-20 वर्षों से हम लोगों को हमारे खेतों से अलग कर दिया. सरकार आज तक इस क्षेत्र के विकास की बात कर तो रही है लेकिन विकास नहीं किया. कुछ निर्माण कार्य किए भी जा रहे हैं तो उसमें स्थानीय पहाड़िया समुदाय के लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा. जिससे यहां के ग्रामीणों में काफी आक्रोश है.

ग्रामीणों का मांग थी कि इस क्षेत्र का विकास सरकार जल्द से जल्द करें और पहाड़िया समुदाय जिनकी जमीन इस पार्क निर्माण में जा रही है उनलोगों को रोजगार उपलब्ध कराएं. जिससे कि हमारे जीवन स्तर में सुधार हो सके.

काफी देर तक समझाने बुझाने के बाद यहां तक की न्यायिक पदाधिकारियों को भी आगे आकर ग्रामीणों को समझाना पड़ा और यह विश्वास दिलाना पड़ा कि उनकी मांगों को न्यायधीश व्यक्तिगत रूप से सरकार तक पहुचाएंगे और जल्द से जल्द इन लोगों को वह सारी सुविधाएं मिलेगी जिनकी इन्हें जरूरत है. 

न्यायिक पदाधिकारियों से मिली आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया. जिसके बाद न्यायाधीश के परिवार उस अनमोल धरोहर को देख पाए. बहरहाल यह केवल रास्ता रोकने का मामला नहीं है बल्कि ग्रामीणों की नाराजगी का भी चरम है