बगहा: Bagaha Bridge: बिहार में ग्रामीण कार्य विभाग का अजब गजब कारनामा सामने आया है. यूपी बिहार को जोड़ने वाली अर्जुनही नदी घाट पर विभाग द्वारा स्थाई चचरी पूल बनाया गया है. ताकि यूपी बिहार के लोगों को आने जाने में दिक्कत न हो लिहाजा इस पुल से बाइक सवार, पैदल और साइकिल से आने जाने वालों को सहूलियत हो रही है. तभी तो यह पहला सरकारी चचरी पुल आज चर्चा में सुर्खियां बटोर रहा है. अब तक तो आपने सिस्टम की बेरुखी और लाचारी के चलते ग्रामीणों द्वारा जन सहयोग से बनने वाले चचरी पुल देखे होंगे, लेकिन आज हम आपको बिहार का पहला सरकारी चचरी पुल के बारे में बताएंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, बिहार के गंडक दियारा अंतर्गत पिपरासी में एक सरकारी चचरी पूल आज चर्चा का विषय बना हुआ है. क्योंकि बिहार से उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले अर्जुनही घाट पर ग्रामीण कार्य विभाग बिहार सरकार द्वारा लाखों की लागत से एक पक्के पुल का निर्माण किया जा रहा था. लेकिन मानसून ने दस्तक दिया और नदी में बाढ़ आ गई. जिसके बाद बाढ़ और बरसात में लोगों को बिहार से यूपी और यूपी से बिहार आने जाने में काफी परेशानी होने लगी. ग्रामीण नदी में कमर भर पानी पार कर आवाजाही करने लगे. इसके अलावा छोटी नाव से बच्चों को यूपी पढ़ने जाना पड़ता था. जिसके बाद वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र के जेडीयू सांसद सुनील कुमार कुशवाहा से पिपरासी मंझरिया गांव के लोगों ने इसकी शिकायत की. लिहाजा सांसद मौके पर निरीक्षण के लिए पहुंचे.


यह भी पढ़ें- Good News: बिहारवासियों को जल्द मिलेगा डबल डेकर फ्लाईओवर से सफर करने का मौका, इस दिन से होगा चालू


JDU सांसद सुनील कुमार ने मौके से ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों को जमकर डांट फटकार लगाई. जिसके बाद विभाग के अभियंता और ठेकेदार ने आनन फानन में निर्माणाधीन पुल पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत चचरी का पुल का निर्माण कराया है. ताकि ग्रामीणों को आवाजाही में सहूलियत हो सके. ग्रामीणों का कहना है कि इस अर्जुनही घाट पर पूर्व में पूल था लेकिन विभाग ने उस पूल को तोड़क़र नया पूल का निर्माण शुरू किया. जब ग्रामीणों ने पुराने पुल को तोड़ने का विरोध भी किया. हमारी मांग थी कि नया पुल बन जाए तो पुराने को तोड़ा जाए. लेकिन विभाग के लोगों ने आश्वासन दिया की बरसात के पूर्व पुल का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. जब निर्माण शुरू हुआ. इसी बीच बरसात का मौसम आ गया और नदी में बाढ़ आ गई. जिसके बाद सांसद के हस्तक्षेप से इस पर सरकारी चचरी पूल बनाया गया है.


बता दें कि यूपी बिहार सीमा पर पिपरासी प्रखंड के तकरीबन आधा दर्जन पंचायत खासकर मंझरिया, सेमरा लबेदाहा, बलुआ ठोड़ी के हजारों लोगों का प्रतिदिन यूपी बिहार आना जाना होता है. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले का जटहां बाजार बिहार के इन इलाकों से काफी सटा हुआ है. लिहाजा लोग बाजार करने समेत अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजते हैं. यहीं वजह है कि इस पुल की अहमियत लोगों के लिए काफी बढ़ गयी है. क्योंकि एक और बिहार में निर्माणाधीन व जर्जर नए पुल गिर रहे हैं. ऐसे में फिलहाल यह चचरी पुल में लोगों के लिए बिहार यूपी का लाइफलाइन बना हुआ है. जिसकी खूब चर्चा हो रही है. यहीं वजह है कि यह बिहार का पहला चचरी पुल सुर्खियां बटोर रहा है.
इनपुट- इमरान अजीज