शिवहर जिला बन सकता है तो बगहा क्यों नहीं, क्या चुनाव से पहले मिल सकती है खुशखबरी?
Bagaha Jila Kab Banega: दिक्कत की बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में बिहार में एक भी नया जिला नहीं बना है. नीतीश कुमार नए जिले के लिए पहले महाराजगंज, झंझारपुर और बगहा के लोगों को ऐसे ही आश्वासन देते रहे हैं, लेकिन करीब 20 साल के शासनकाल में बिहार में एक भी नया जिला नहीं बना.
Bagaha Jila Kab Banega: पश्चिम चम्पारण का बगहा आजकल सुर्खियों में है. ये वो बगहा है जो कभी सुबह-सुबह नक्सलियों के लाल सलाम से दहल जाता था तो शाम में दुर्दांत डकैतो के जय भवानी की दहाड़ से सहम जाता था. डकैतों की यहां समानांतर सत्ता चलती थी. दस्यू सम्राट वासुदेव यादव उर्फ मलखान सिंह के नाम से भी जाना जाता था बगहा. इसे कभी मिनी चंबल भी कहते थे. यहां नक्सलियों के एक-47 की तड़तडाहट से सूर्योदय होता था तो डकैतों से दहशत में सूर्यास्त होता था. हत्या, अपहरण और फिरौती यहां का मुख्य कारोबार था. 1996 में बगहा क्षेत्र के नरकटिया दोन में डकैतों ने 7 किसानों का नरसंहार कर पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.
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आज वहीं बगहा सुर्खियों में है. बताया जा रहा है कि बगहा को राजस्व जिला बनाने की संभावना बढ़ गई है. पटना से आ रही खबरों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी विधानसभा चुनाव से पहले कुछ नए जिले बनाने को लेकर हामी भर दी है. यह भी कहा जा रहा है कि वाल्मीकिनगर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कन्वेंशन सेंटर के उद्घाटन के दौरान बगहा को जिला बनाने का ऐलान किया था और अब चुनाव अगले साल है तो माना जा रहा है कि उससे पहले मुख्यमंत्री यह तोहफा दे सकते हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वाल्मीकिनगर में 120 करोड़ की लागत से बने कन्वेंशन सेंटर के लोकार्पण के मौके पर कहा था कि अगले 10 महीनों में बगहावासियों का इंतजार खत्म हो जाएगा. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस अवधि में बगहा को राजस्व जिले का दर्जा मिल जाएगा.
अब आइए, बगहा को जान लेते हैं. यह पश्चिमी चंपारण के जिला मुख्यालय बेतिया 65 किलोमीटर दूर स्थित है. पश्चिम चम्पारण जिले का कुल क्षेत्रफल 5228 वर्ग किलोमीटर है तो बगहा का 2400 वर्ग किलोमीटर है. बगहा की जनसंख्या 18 लाख से ज्यादा है. 1996 में डकैतों की बढ़ती दहशत को थामने के लिए इसे पुलिस जिला बनाया गया था. पूर्व में चंपारण का ही हिस्सा रहा शिवहर जिला मात्र 443 वर्गमील में फैला हुआ है. जब शिवहर जिला बन सकता है तो बगहा क्यों नहीं बन सकता.
आज बगहा के वाल्मीकिनगर को बिहार का कश्मीर कहते हैं. वाल्मीकिनगर में बिहार का एकमात्र टाइगर रिजर्व है, जहां बाघों की संख्या 50 से 55 तक पहुंच गई है. डकैतों के आतंक से मुक्ति पाने के बाद बगहा अपने पैरों पर उठ खड़ा हुआ है. आज वाल्मीकिनगर को पर्यटन के नजरिए से संवारा जा रहा है. यहां देश दुनिया के पर्यटक आते हैं और जंगल सफारी का लुत्फ उठाते हैं.
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पिछले 28 सालों से बगहा को राजस्व जिला बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन लगता है कि अब बगहावासियों की मांग पूरी हो पाएगी. बताया जा रहा है कि बगहा को नया जिला बनाने को लेकर विभागीय तैयारी शुरू कर दी गई है. बेतिया डीएम दिनेश कुमार राय बगहा के कोने कोने का दौरा कर रहे हैं. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने करीब 20 साल के शासनकाल में बिहार को एक भी नए जिले की सौगात नहीं दी है, लेकिन लगता है कि इस बार बगहा को नए जिले का तमगा मिल जाएगा.
बेतिया से धनंजय द्विवेदी की खास रिपोर्ट