Motihari News: केंद्र और बिहार सरकार लगातार दावे करती है कि उसने हर घर में बिजली पहुंचा दी है. हालांकि, जी न्यूज की रियलिटी चेक में सरकार के दावे झूठे साबित हो गए. जी न्यूज की टीम ने जब पश्चिम चंपारण जिले में सरकार के दावों की पड़ताल की तो पता चला कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी ऐसे कई गांव हैं, जो अंधेरे में गुजर-बसर कर रहे हैं. जी न्यूज के रियलिटी चेक में एक या 2 नहीं बल्कि 250 घरों में पिछले तीन साल से बिजली का बल्ब नहीं जला है. गांव के गांव बिजली के रौशनी से महरूम हैं.


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पश्चिम चम्पारण के सूरजपुर पंचायत के वार्ड नंबर 9 और 10 में स्थित सिंगहि मसान ढाब गांव है. गांव में 250 घर हैं, जहां हजारों की आबादी है. यह दियारा का क्षेत्र है. सरकार ने हर घर बिजली पहुंचाने के लिए दियारा के दर्जनों गांवो में प्रधानमंत्री ग्रामीण सौर ऊर्जा योजना के तहत 6 साल पहले इन गांवो में प्लांट लगाया गया था. हर घर बिजली योजना के तहत गांव में पोल लगाकर तार बिछाए गए थे, लेकिन पिछले 3 साल से आधा दर्जन गांवो में बिजली सप्लाई ठप है. सुरुजपुर पंचायत के वार्ड नंबर 9 और 10 में बिजली नहीं है. बैजूआ पंचायत के भी कई गांवो में बिजली नहीं है. कारण यह हैं की सौर ऊर्जा प्लांट में टेक्निकली खराबी हो गई है या बैटरी खराब हो गई हैं.


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ग्रामीणों की शिकायत है कि सिस्टम के लपरवाह अधिकारी कभी गांव नहीं पहुंचे. यहां आधा दर्जन गांव अंधेरे में डूब गए हैं, इसके बावजूद भी अधिकारी नहीं पहुंचे. जी न्यूज की टीम ने इन आधा दर्जन गांव में से एक गांव का रियालिटी चेक किया. सिंगहि मसान ढाब गांव में सरकार के तमाम दावे खोखले साबित हो गए. गांव में सोलर प्लांट लगाया गया है. सड़क पर बिजली के पोल लगे हुए हैं. घरों में बल्ब लगे हुए हैं, लेकिन सोलर प्लांट पिछले 3 साल से खराब है. इस कारण से गांव में बिजली नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि वह दीया (दीपक) और लालटेन जलाते हैं. इसमें भी बड़ी दिक्कत है, क्योंकि सरकार ने अब मिट्टी का तेल देना भी बन्द कर दिया है. 


रिपोर्ट- धनंजय