Chief Whip: बीजेपी आलाकमान ने बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र से सांसद डॉ. संजय जायसवाल (Dr. Sanjay Jaiswal) को लोकसभा में मुख्य सचेतक (Dr. Sanjay Jaiswal to be chief whip in Lok Sabha) पद की जिम्मेदारी दी है. उनके साथ दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर (Gopalji Thakur) को सचेतक बनाया गया है. लोकसभा चुनाव प्रचार के मौके पर बेतिया की रैली में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंच से खुलेआम कहा था, आपलोग डॉ. संजय जायसवाल को जिताइए. आपलोग किसी सांसद को नहीं, एक मंत्री को वोट दे रहे हैं. हालांकि जब मंत्री बनने की बारी आई तो संजय जायसवाल के बदले राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे (Satish Chandra Dubey) की लॉटरी लग गई और डॉ. संजय जायसवाल मंत्री बनते बनते रह गए थे. 


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ऐसे समय में जब भारतीय जनता पार्टी के पास लोकसभा में अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं है तो मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी बड़ी हो जाती है. मुख्य सचेतक को चीफ व्हिप भी कहते हैं. मुख्य सचेतक का मुख्य काम पार्टी के सांसदों के लिए व्हिप जारी करना होता है और यह सुनिश्चित करना होता है कि महत्वपूर्ण बिल पास कराने से पहले अगर मतदान की नौबत आती है तो सभी सांसद सदन में मौजूद रहें. इसके अलावा विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद चीफ व्हिप को पार्टी के सांसदों की मौजूदगी सुनिश्चित करनी होती है. मुख्य सचेतक या चीफ व्हिप के और कौन कौन से काम होते हैं, इनके बारे में जान लेते हैं. 



नियम या परंपरा 


- अंग्रेजों से विरासत में मिले व्हिप का इस्तेमाल राजनीतिक दल फ्लोर मैनेजमेंट के लिए करते हैं. 


- यह एक लिखित आदेश होता है, जिसे राजनीतिक दल अपने सांसदों या विधायकों को सदन में मतदान के मौके पर उपस्थित होने के लिए जारी करते हैं. 


- सदन के अंदर मुख्य सचेतक का काम सांसदों या विधायकों को पार्टी लाइन के दायरे में रखना होता है. 


- देश में सभी राजनीतिक दल अपने विधानमंडल या संसदीय दल के लिए व्हिप जारी करते हैं. पार्टी किसी वरिष्ठ सदस्य को चीफ व्हिप और कुछ लोगों को व्हिप नियुक्त करती है. 


- चीफ व्हिप को हिंदी में मुख्य सचेतक कहते हैं और व्हिप को केवल सचेतक कहा जाता है. व्हिप अपने चीफ व्हिप की सहायता करते हैं. 


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क्या कहता है संविधान? 


- आम तौर पर व्हिप का न तो संविधान में कोई जिक्र है और न ही लोकसभा, राज्य सभा और विधान सभा या विधान परिषद के नियमों में ही इसका जिक्र है. यह परंपराओं पर आधारित पद्धति है. 


कहां लागू नहीं होता व्हिप? 


राष्ट्रपति चुनाव में चीफ व्हिप या व्हिप पार्टी के सांसदों या विधायकों को यह निर्देश नहीं दे सकता कि किसी वोट देना है और किसे नहीं. 


कितने प्रकार के व्हिप?


- एक लाइन का व्हिप: यह किसी सदस्य को पार्टी की विचारधारा का पालन न करने की सूरत में मतदान से दूर रहने की अनुमति देता है. 


- 2 लाइन का व्हिप: मतदान के समय सदन में सदस्यों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए जारी किया जाता है. 


- 3 लाइन का व्हिप: यह पार्टी लाइन के अनुसार वोट करने का निर्देश जारी करने के लिए यूज किया जाता है.


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चीफ व्हिप के काम 


- सदन की कार्यवाही सुनिश्चित करने में व्हिप की भूमिका बड़ी होती है. 


- पार्टी के सांसदों की ज्यादा से ज्यादा उपस्थिति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी.


- किसी खास मसले के पक्ष या विपक्ष में ज्यादा समर्थन जुटाने की जिम्मेदारी 


- पार्टी के सदस्यों के बीच सदन में अनुशासन सुनिश्चित करना. 


- पार्टी के सांसदों में अगर कोई असंतोष है तो इस बारे में आलाकमान को सूचित करना. 


- पार्टी में बाध्यकारी शक्ति के रूप में काम करना. 


- सदन में पार्टी के आंतरिक संगठन को बनाए रखने में जिम्मेदारी 



व्हिप का उल्लंघन किया तो... 


- पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर दलबदल विरोधी अधिनियम में सदन से निष्कासित किया जा सकता है. 


- दो तिहाई से अधिक सदस्य व्हिप के खिलाफ मतदान करते हैं तो पार्टी प्रभावी रूप से विभाजित हो जाती है.