Jharkhand Elephant Train Accident News: झारकंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर रेल मंडल के हावड़ा मुंबई मुख्य रेल मार्ग के ओडिशा में स्थित बंडामुंडा से बड़ी खबर आई है. जहां बंडामुंडा में मालगाड़ी ने हाथियों के झुंड को टक्कर मार दिया है. ट्रेन के जोरदार टक्कर से एक शिशु हाथी की मौत हो गई है. जबकि दो हाथी घायल हैं. घटना के बाद ट्रेनों का परिचालन चक्रधरपुर रेल मंडल में ठप्प पड़ गया है. जिसका सीधा असर हावड़ा मुंबई रेल खंड पर चलने वाली ट्रेनों पर पड़ा है. ट्रेनें कई स्टेशनों में रुकी हुई है और यात्री परेशान हैं.  


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यह पूरा मामला ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के राउलकेला पानपोष वन रेंज का है. घटना सोमवार रात करीब 9:30 बजे की है. जानकारी के मुताबिक हाथियों का झुंड बंडामुंडा रेलखंड के ए-केबिन और आर-केबिन के बीच घूम रहा था. तभी एक मालगाड़ी तेज रफ्तार में हाथियों के झुण्ड के करीब पहुंची और हाथियों के झुण्ड को टक्कर मारते हुए कुछ दूर आगे निकल गयी. हाथियों के झुंड को ट्रेन द्वारा टक्कर मारने का यह दृश्य दिल दहला देने वाला है. बेजुबान जानवरों को ट्रेन किस तरह टक्कर मारते हुए आगे निकल रही है, यह देख सभी पीड़ा महसूस कर रहे हैं.


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बताया जा रहा है कि रेल पटरी पर 26 हाथियों का झुंड था. ट्रेन के टक्कर से इस झुण्ड में शामिल एक शिशु हाथी की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. जबकि दो हाथी घायल हैं. हादसे में शिशु हाथी की मौत से झुण्ड में शामिल हाथियों में गुस्सा देखा जा रहा है. सभी हाथी अपने मृत शिशु हाथी और घायल हाथी का पहरा देते हुए नजर आ रहे हैं.


हाथियों के झुंड के पटरी पर मौजूद रहने के कारण ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है. कई ट्रेनें चक्रधरपुर रेल मंडल के कई स्टेशनों में रुकी हुई है. समलेश्वरी एक्सप्रेस, हापा शालीमार एक्सप्रेस समेत कुछ मालगाड़ी राउरकेला रेलवे स्टेशन में रोक कर राखी गयी थी, शालीमार कुर्ला एक्सप्रेस गोईलकेरा स्टेशन के पास खड़ी थी. ट्रेनों का परिचालन अचानक रोक दिए जाने से इधर स्टेशनों में यात्री भी परेशान हैं. रात के 9:30 बजे से लेकर रात के डेढ़ बजे तक एक भी ट्रेन परिचालन ठप्प था.


ट्रेन परिचालन कब शुरू होगा यह भी कहना मुश्किल था. जानकारी के मुताबिक वन विभाग से क्लीयरेंस मिलने के बाद ही ट्रेन परिचालन शुरू करने की बात कही जा रही थी. इधर घटना की सूचना मिलने के बाद बंडामुंडा रेंजर दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और घटना की जांच में जुट गए हैं. घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई है. क्योंकि झुण्ड में शामिल हाथी अभी भी मौके पर मौजूद हैं और गुस्से में हैं. हाथी इतने गुस्से में हैं की हाथी के बच्चे की मौत के बाद हाथियों के अन्य झुंडों ने स्थानीय ग्रामीणों को खदेड़ना शुरू कर दिया है.


ग्रामीणों के मुताबिक सोमवार रात करीब 8:30 बजे कुल 27 जंगली हाथी स्थानीय कुदुर बहाल जंगल से उतरकर बंडामुंडा के पोखरा बहाल की ओर जा रहे थे. इसी दौरान हाथियों का झुंड तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गया और हादसे का शिकार हो गया. चक्रधरपुर रेल मंडल में ट्रेन से हाथियों की मौत कोई नयी बात नहीं है. हर साल हाथियों की मौत ट्रेन से कटकर हो रही है, लेकिन हाथियों को ट्रेन की चपेट में आने से बचाने में रेलवे और वन विभाग दोनों ही नाकाम हैं.


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बता दें कि चक्रधरपुर रेल मंडल में बीते 18 अगस्त को सुंदरगढ़ जिले के कोइड़ा वन रेंज के चोरधरा स्थित बरसुआ वन रेंज में भी ट्रेन की चपेट में आने से एक शिशु हाथी की मौत हो गई थी. चक्रधरपुर रेल मंडल में लगातार जंगली हाथियों की मौत ट्रेनों से कटकर हो रही है. जो कि चिंता का विषय है. बताया जा रहा है हाथियों को सुरक्षित करने के मामले में रेलवे और वन विभाग के बीच आपसी तालमेल का घोर अभाव है. दोनों में तालमेल नहीं होने का दंश बेजुबान जंगली जानवर भुगत रहे हैं. चक्रधरपुर रेल मंडल में हर साल हाथियों की मौत ट्रेन से हो रही है.


इनपुट - आनंद प्रियदर्शी


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