नालंदा : मामूली चोट भी लगती है तो लोग परेशान हो जाते हैं. परिजनों को फोन लगाने लगते हैं. घबराहट में आप नियंत्रण खो जाते हैं. लेकिन कुछ शख्स ऐसे भी होते हैं जो बड़े हादसे में भी धैर्य नहीं खोते हैं. हम बात कर रहे हैं नालंदा के करायपरसराय के रहने वाले सुजीत कुमार की. सुजीत के साथ सबकुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन एक हादसे ने उसके नए चेहरे को दुनिया के सामने रखा.


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दरअसल, सुजीत जहानाबाद से सिपाही भर्ती परीक्षा में शामिल होकर घर नालंदा लौट रहा था. इसी दौरान लौटते समय परसा हॉल्ट में चलती ट्रेन से अचानक नीचे गिर पड़ा. ट्रेन से गिरने के बाद उसकी दोनों पैर कट गए. सुजीत ने ट्रेन में बैठे लोगों से कहा कि उसे पटना जाने वाली ट्रेन में बैठा दें. ट्रेन में बैठा देने के बाद सुजीत ने खुद परिवारवालों को इसकी सूचना दी.


आसपास के लोगों ने दोनों कटे पैरों को ट्रेन में सुजीत के सामने रखा और इस दौरान अपने परिवारवालों से बात की. सुजीत के पैर से लागातार खून बह रहा था. पूरा कंपार्टमेंट खून से लथपथ हो गया था, लेकिन सुजीत ने खुद ही परिवार के लोगों को हादसे की सूचना दी. इस दौरान सुजीत अकेले कटे टांगों के साथ पटना पहुंचा, जहां से उसे पीएमसीएच में भर्ती कराया गया.


दर्द से कराह रहे सुजीत ने जब अपने पिता को हादसे की जानकारी दी तो पूरे परिवार में खलबली मच गई. जहानाबाद से पटना की दूरी 50 किलोमीटर के आसपास है, लेकिन कटे टांगों के साथ 50 किलोमीटर का सफर कितना मुश्किल है समझा जा सकता है. सुजीत के रिश्तेदारों के मुताबिक, वह बचपन से ही मेहनती है, लेकिन इतना हिम्मतवाला है, यह पता नहीं था.


फिलहाल सुजीत का इलाज पीएमसीएच में चल रहा है. सुजीत के परिवारवाले उसके साथ हैं. सुजीत का इलाज कर रहे डॉक्टर प्रो. रणजीत कुमार सिंह के मुताबिक, जब सुजीत को अस्पताल पहुंचाया गया था तो उसकी हालत गंभीर थी, लेकिन अब वह सामान्य है. घाव भरने में समय लगेगा. जयपुरी फुट लगाए जाने के बाद वह दूसरों की तरह चल सकता है. साथी ही उन्होंने कहा कि जिस हिम्मत का उसने परिचय दिया है वो अपने आप में असाधारण बनने की कहानी है.