नई दिल्ली: बिहार में विकास के दावे करने वाली नीतीश सरकार में नौकरशाहों की पोल उन्हीं के मंत्री ने खोलकर रख दी है. बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी (Madan Sahni) ने इस्तीफे की घोषणा कर दी है. सहनी राज्य में नौकरशाही से काफी नाराज और परेशान हैं, जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा देने की बात कही है.


मंत्री बोले- अफसर मेरी नहीं सुनते


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मदन सहनी ने विभाग के अपर मुख्य सचिव पर मनमानी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि घर और गाड़ी लेकर क्या करूंगा जब जनता की सेवा ही नहीं कर पा रहा हूं. उन्होंने कहा कि जब अधिकारी मेरी बात ही नहीं सुनेंगे तो मैं जनता की सेवा कैसे करूंगा. अगर जनता का काम नहीं कर सकता तो मंत्री बने रहने का कोई मतलब नहीं है. 



पटना स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अधिकारियों की ‘तानाशाही’ अब उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रही है, इसलिए उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे देने का मन बना लिया है. उन्होंने कहा कि इस पद पर रहकर जब हम कोई काम नहीं कर सकते, किसी गरीब का भला नहीं कर सकते और कोई सुधार का काम नहीं कर सकते तो केवल सुविधाओं को भोगने के लिए मंत्री पद पर बने रहें, यह हमें कहीं से अब मुनासिब नहीं लगता इसलिए मंत्री पद से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप देंगे.


मंत्री ने नौकरशाहों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप


मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार में विधायक मंत्री की नहीं सुनी जा रही है. भ्रष्टाचार और अफसरशाही चरम पर है. उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा देने का मन बना लिया है. अब आगे मैं एक विधायक के रूप में काम करूंगा.


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क्या बिहार में गिर जाएगी सरकार? 


गौरतलब है कि दिल्ली से लौटने के बाद तेजस्वी यादव ने कुछ महीनों में ही सरकार गिरने की बात कही थी. ऐसे में मंत्री के इस्तीफे की पेशकश के बाद निश्चित तौर पर सरकार की चुनौती बढ़ेगी. नीतीश कुमार के सामने अब लगातार एनडीए के घट रहे विधायकों की संख्या के बीच सरकार बचाने की चुनौती होगी.