Inspirational Stories: बिहार (Bihar) पुलिस में 40 साल तक सेवा दे चुके रिटायर्ड दारोगा कैमूर (Kaimur) जिले के रामपुर प्रखंड के सबार गांव स्थित मां काली मंदिर के पास खेल मैदान में रोजाना स्थानीय लड़कियों और लडकों की फुटबॉल की ट्रेनिंग दे रहे हैं. पिछले पांच साल से इस नेक काम को कर रहे रिटायर्ड पुलिसकर्मी का नाम गुदरी शर्मा है. जो युवाओं को खेल के लिए ट्रेनिंग देते हुए भविष्य के लिए जागरूक कर रहे हैं. रिटायर्ड दारोगा की इस मुहिम की तारीफ कई मंचों पर हो चुकी है. बतौर फुटबॉल कोच और रेफरी ये पूर्व पुलिस अफसर पूरे बिहार में फेमस हैं. गुदरी शर्मा जिले और राज्य स्तर पर होने वाले फुटबॉल टूर्नामेंट में रेफरी के रूप में आज भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं.


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फुटबॉल में बसते हैं प्राण


रिटायर्ड दारोगा गुदरी शर्मा का कहना है कि उन्हें बचपन से फुटबॉल में दिलचस्पी थी. बिहार पुलिस में सेवा देने के दौरान भी उन्होंने कई बार बिहार पुलिस के लिए फुटबॉल खेला था. बिहार पुलिस में सेवा करते हुए वो गया के मुफस्सिल थाना से 2015 में दारोगा पद से रिटायर हुए थे. इसके बाद साल 2018 से वो लड़कों और लड़कियों को फुटबॉल की सुबह शाम दो-दो घंटे ट्रेनिंग दे रहे हैं. मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी रहे गुदरी शर्मा साल 1975 में पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर तैनात हुए थे.


25 लड़के और 25 लड़कियों की टीम


कोच का कहना है कि वो अपने बच्चों को ट्रेंनिग से पहले कई तरह की एक्सरसाइज कराते हैं. इसके बाद उन्हें फुटबॉल खेलने के दौरान कैसे किक मारना है, कैसे फुटबॉल को हैंडल करना है, उसकी बारीकियों के बारे में बताया जाता है. यहां ट्रेनिंग लेने वाली बच्चियों की उम्र 8 से 15 साल है. वहीं लड़कों की उम्र 10 साल से 18 साल तक की है. फुटबॉल की ट्रेनिंग करने वाले 25 लड़के और 25 लड़कियों की टीम है.