Bio fuel: भारत का परिवहन क्षेत्र बहुत विशाल है. दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारतवासियों के पास ज्यादा वाहन हैं. इसलिए यहां ईंधन की खपत भी अन्य देशों की तुलना में बहुत ज्यादा है. प्रदूषण को कम करने पेट्रोल-डीजल की खपत कम करने के लिए लंबे समय से देश में एथनॉल ईंधन को चलन में लाने की कवायद जोरों पर चल रही है. इस क्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया है.


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उन्होंने कहा कि वह 29 अगस्त को पूरी तरह से एथनॉल ईंधन से चलने वाली टोयोटा की इनोवा कार पेश करेंगे. वाहन विनिर्माताओं को वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले और हरित वाहन लाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे केंद्रीय मंत्री ने पिछले साल हाइड्रोजन से चलने वाली कार टोयोटा मिराई ईवी पेश की थी.


गडकरी ने यहां मिंट सस्टेनेबिलिटी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “मैं 29 अगस्त को 100 प्रतिशत एथनॉल से संचालित होने वाली लोकप्रिय (टोयोटा) इनोवा कार बाजार में पेश करने जा रहा हूं.” यह कार दुनिया की पहली बीएस-6 (स्टेज-2) विद्युतीकृत फ्लेक्स-ईंधन आधारित वाहन होगी.


गडकरी ने कहा कि उन्होंने 2004 में देश में पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद जैव ईंधन में रुचि लेनी शुरू की. उन्होंने कहा कि जैव ईंधन चमत्कार कर सकता है और पेट्रोलियम के आयात पर खर्च होने वाली बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा बचा सकता है.


दुनिया भर में ऑटो उद्योग तेजी से केवल इलेक्ट्रिक भविष्य की ओर बढ़ रहा है, और कुछ साल पहले, भारत ने भी 2030 तक 100 प्रतिशत ईवी लक्ष्य पर विचार किया था. हालांकि, तब से इसने इसे और अधिक यथार्थवादी 2040 तक तर्कसंगत बना दिया है. दिलचस्प बात यह है कि इसके बावजूद ईवी लक्ष्य, इथेनॉल फ्लेक्स-ईंधन वाहनों का गंभीरता से मूल्यांकन किया जा रहा है, और भारतीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री भी इस उद्देश्य के लिए सक्रिय रूप से अभियान चला रहे हैं.


(एजेंसी इनपुट के साथ)