कोलकाता: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने बुधवार को दावा किया कि नागरिकता विधेयक से बीजेपी पूर्वोत्तर में ‘बैकफुट’ पर नहीं आई है. देब ने 'बगैर आधार वाले' कुछ संगठनों पर आरोप लगाया कि वे निजी फायदे के लिए पूर्वोत्तर को संकटग्रस्त क्षेत्र के रूप में पेश कर रहे हैं. 


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बीजेपी नेता ने कहा, 'नागरिकता (संशोधन) विधेयक की वजह से क्षेत्र में संकट पैदा होने और इससे बीजेपी के ‘बैकफुट’ पर होने के दावे पूरी तरह गलत और बेबुनियाद हैं. यदि यह सच होता तो बीजेपी ने असम में स्वायत्त परिषद के चुनावों में जीत दर्ज नहीं की होती.'


नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों के बीच 19 जनवरी को हुए उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद के चुनावों में बीजेपी को 28 में से 19 सीटों पर जीत मिली थी. 


'चुनावों में जीत का मतलब है कि लोग हमारे साथ हैं'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'चुनावों में जीत का मतलब है कि लोग हमारे साथ हैं.' विधेयक का विरोध कर रहे राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के बारे में पूछे जाने पर देब ने कहा,'जिन संगठनों का क्षेत्र में कोई आधार नहीं है, वे पूर्वोत्तर राज्यों को संकटग्रस्त क्षेत्र के तौर पर पेश करना चाहते हैं. लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे.'  


यह पूछे जाने पर कि क्या यह विधेयक त्रिपुरा में भी लागू होगा, इस पर उन्होंने कहा,‘त्रिपुरा भारत का हिस्सा है और हम संघीय ढांचे का हिस्सा हैं. यह विधेयक देश के सभी राज्यों पर लागू होगा.’


(इनपुट - भाषा)